इम्फाल, 3 जून (आईएएनएस)। मणिपुर में सुरक्षा बलों ने पुलिस और विभिन्न सुरक्षा बलों से 40 अत्याधुनिक स्वचालित हथियार बरामद किए हैं, जिन्हें जातीय दंगों के दौरान लूट लिया गया था। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि मणिपुर पुलिस और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के साथ सेना और असम राइफल्स ने शनिवार को पूरे मणिपुर में पहाड़ियों और घाटी क्षेत्र में क्षेत्र वर्चस्व अभियान शुरू किया।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, छीने गए हथियारों की बरामदगी के लिए संयुक्त रणनीति बनाई गई। शांति बहाल करने के लिए ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे। ड्रोन और क्वाड-कॉप्टर के निगरानी कवर के तहत किए गए ऑपरेशन में अब तक 40 हथियार (ज्यादातर स्वचालित), मोर्टार, गोला-बारूद और अन्य जंगी सामान की बरामदगी हुई है।
गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बाद शुक्रवार शाम तक विभिन्न जिलों में लूटे गए 144 अत्याधुनिक हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं।
इस बीच, रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि इन अभियानों के संचालन के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए थे कि स्थानीय लोगों को परेशान न किया जाए और व्यक्तिगत सुरक्षा और सुरक्षा बनी रहे।
शाह के निर्देश के बाद सुरक्षा बलों ने एक बार फिर सभी लोगों से मणिपुर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
सुरक्षा बलों ने यह भी चेतावनी दी कि इन हथियारों को सरेंडर करने में विफल रहने पर ऐसे सभी लोग कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।
शाह ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर की अपनी चार दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन सभी संबंधितों से अनुरोध किया कि वे अपने हथियार सुरक्षा बलों और प्रशासन को सौंप दें, अन्यथा हथियार और गोला-बारूद रखने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि 9 मई से जातीय हिंसा के दौरान कई पुलिस थानों और सुरक्षा शिविरों से उपद्रवियों और उत्तेजित भीड़ द्वारा हजारों विभिन्न प्रकार के हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद लूट लिया गया था।
पुलिस ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले में एक घटना को छोड़कर पिछले 24 घंटों में किसी भी बड़ी हिंसक घटना की सूचना नहीं है।
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में संदिग्ध सशस्त्र कुकी उग्रवादियों के हमले में कम से कम 15 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारियों ने कहा कि 13 जिलों में सामुदायिक हॉल सहित 272 राहत शिविरों में विभिन्न समुदायों के लगभग 37,450 लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।
सेना, असम राइफल्स, विभिन्न सीएपीएफ, राज्य पुलिस और मणिपुर राइफल्स के जवानों ने सभी 11 संकटग्रस्त जिलों में अपनी सतर्कता और अभियान जारी रखा है।
अधिकारियों ने कहा कि इम्फाल पश्चिम और इंफाल पूर्वी जिलों सहित अधिकांश जिलों में कर्फ्यू में 7-12 घंटे की ढील दी गई।
तामेंगलोंग, नोनी, सेनापति, उखरुल और कामजोंग जिले इस समय कर्फ्यू के दायरे में नहीं हैं।
–आईएएनएस
एसजीके