भोपाल, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में मंत्रिपरिषद के विभागों के बंटवारे को लेकर चल रहा सस्पेंस आखिरकार उस समय खत्म हो गया, जब मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के साथ बैठक के बाद भोपाल लौट आए।
तय हुआ कि मुख्यमंत्री यादव गृह, सामान्य प्रशासन विभाग, जनसंपर्क और कुछ अन्य विभागों का नेतृत्व करेंगे, जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए थे।
दो उप मुख्यमंत्रियों में से एक, जगदीश देवड़ा, जो शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार (2020-2023) में वित्तमंत्री थे, वित्त विभाग के प्रमुख बने रहेंगे, जबकि राजेंद्र शुक्ला, जो एक अन्य उप मुख्यमंत्री हैं, राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों का नेतृत्व करें।
एक दशक के अंतराल के बाद राज्य की राजनीति में वापसी करने वाले और इंदौर-1 सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को राज्य का शहरी और कानून विभाग आवंटित किया गया है। उन्हें सदन मंत्री भी बनाया गया है।
नरसिंहपुर सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को पंचायत और ग्रामीण विभाग आवंटित किया गया है, जबकि पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के प्रमुख होंगे।
चौहान मंत्रिमंडल में वन मंत्री रहे विजय शाह को सहकारिता विभाग दिया गया है।
इसी तरह एंदल सिंह कसाना मोहन यादव कैबिनेट में कृषि मंत्री होंगे, क्योंकि पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल चुनाव हार गए हैं।
जिन अन्य मंत्रियों को विभाग आवंटित किया गया है, उनमें प्रदुम्न सिंह तोमर (स्कूल शिक्षा), तुलसी सिलावट (जल संसाधन), गोविंद सिंह राजपूत (पीएचई), विश्वास सारंग (वन और परिवहन विभाग), इंदर सिंह परमार (तकनीकी शिक्षा), उदय प्रताप सिंह (उच्च शिक्षा) शामिल हैं।
इसी तरह करण सिंह वर्मा को राजस्व, नारायण सिंह कुशवाह (उद्यानिकी), संपतिया उइके (आदिवासी विभाग), निर्मला भूरिया (महिला एवं बाल विकास) और राकेश शुक्ला को आईटी एवं धर्मस्व विभाग आवंटित किया गया है।
कृष्णा गौर जैसे राज्य मंत्रियों को पर्यटन और भोपाल गैस, धर्मेंद्र लोधी (श्रम), दिलीप जयसवाल (खाद्य और नागरिक आपूर्ति), गौतम टेटवाल (ऊर्जा), लाखन पटेल (मत्स्य पालन), और नारायण पवार (सामान्य प्रशासन) आवंटित किया गया है।
दो विधायकों – राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के अलावा, 28 भाजपा विधायकों ने 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल कैबिनेट की संख्या 31 है, जबकि यह हो सकती है। कुल 33 मंत्रियों को समायोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दो उपमुख्यमंत्रियों सहित सभी मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए गए हैं और वे अगले पांच वर्षों में मध्य प्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
–आईएएनएस
एसजीके