भोपाल, 6 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी सांची की देश और दुनिया में पहचान शांति का संदेश देने वाली नगरी के तौर पर है, मगर अब इसे एक और पहचान मिल गई है और वह है सोलर सिटी की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्मारक स्थल सांची नगर को प्रथम सोलर सिटी के रूप में लोकार्पित करते हुए कहा कि आज अक्षय ऊर्जा के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया और इस क्षेत्र में कार्य करने का मंत्र दिया है, उसे सामाजिक दायित्व मानकर पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश आगे बढ़ा है।
मध्यप्रदेश ओंकारेश्वर में भी बांध की सतह पर सोलर पैनल लगाकर 600 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापित करने की पहल की गई है। सांची से कभी विश्व को शांति का संदेश पहुंचा था। अब सांची सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पथ-प्रदर्शन करेगा।
कार्यक्रम में नवकरणीय विभाग और आईआईटी कानपुर के मध्य सांची को नेट जीरो सिटी बनाने के करारनामे पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोयले और अन्य साधनों से बिजली के उत्पादन का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पारम्परिक माध्यमों को छोड़कर प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना सौर ऊर्जा उत्पादन की शुरूआत के लिए सांची के नागरिक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और सभी वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सांची और देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा है। सांची के पास नागौरी में तीन मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना के फलस्वरूप सांची सोलर सिटी बनी है। निकट भविष्य में गुलगांव में पांच मेगावाट की सौर परियोजना स्थापित होगी, जो कृषि क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सांची सोलरसिटी से वार्षिक 14 हजार टन से अधिक कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 2.38 लाख से अधिक पेड़ों के बराबर है। ईको-फ्रेंडली सुविधाओं से पर्यावरण प्रदूषण रूकेगा।
ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया गया है। चार कमर्शियल चार्जिंग पाइंट तथा तीन ई-रिक्शा चार्जिंग पाइंट स्थापित कर दिए गए हैं। बैटरी वाहनों के चलने से 9 लाख से अधिक मूल्य के डीजल की भी बचत होगी।
लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि सांची जो बौद्ध स्तूप के लिए प्रसिद्ध था अब सोलर सिटी के रूप में जाना जाएगा। सांची में व्यापक स्तर पर सोलर लैंप का वितरण हुआ है। बच्चों और बुजुर्गों को ऊर्जा संरक्षण के लिए शिक्षित किया गया है। जगह-जगह चार्जिंग पॉइंट भी लगाए गए हैं।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में सोलर सिटी विकसित करने का आह्वान किया था। सांची एक आदर्श सोलर सिटी की पहचान बनाएगा। सांची के विद्यार्थी ऊर्जा साक्षर हो गए हैं, इसके लिए उन्होंने निर्धारित परीक्षा भी पास की है। सांची के मार्ग रात में भी जगमगाने लगे हैं। आने वाले पर्यटक इनका लाभ ले रहे हैं। सौर ऊर्जा से मोबाइल फोन भी चार्ज हो रहे हैं। सांची में वार्षिक 7 करोड़ 68 लाख रुपए की बचत होगी।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम