श्योपुर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता को एक और झटका लगा है। कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) से दुखद खबर आई है, जहां 20 महीने की एक मादा चीता जंगल में मृत पाई गई।
पार्क अधिकारियों ने सोमवार रात करीब 9 बजे प्रेस नोट जारी कर इसकी आधिकारिक पुष्टि की। यह घटना सोमवार की है, जब स्टाफ ने जंगल में चीते का शव देखा।
यह मादा चीता 21 फरवरी 2025 को अपनी मां ज्वाला और तीन भाई-बहनों के साथ जंगल में रिलीज की गई थी। वह एक महीने से अधिक समय पहले अपनी मां से अलग हो चुकी थी और कुछ दिनों पूर्व अपने भाई-बहनों को भी छोड़ चुकी थी। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण तेंदुए से झड़प लग रहा है, लेकिन सटीक वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट होगी।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल में तेंदुए और चीते के बीच क्षेत्रीय विवाद आम है, खासकर जब चीते युवा और अकेले होते हैं।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर. थिरुकुराल के अनुसार पार्क में वर्तमान में कुल 25 चीते हैं। इनमें 9 वयस्क अफ्रीकी चीते शामिल हैं, 6 मादा और 3 नर, जबकि 16 भारतीय मूल के चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं।” यह आंकड़ा प्रोजेक्ट चीता की प्रगति को दर्शाता है, लेकिन लगातार हो रही मौतें चिंता का विषय बनी हुई हैं। प्रोजेक्ट चीता, जो 2022 में नामीबिया से 8 चीतों के साथ शुरू हुआ था। हालांकि, पिछले दो वर्षों में कम से कम 10 चीतों की मौत हो चुकी है, जिनमें शिकार के दौरान चोट, बीमारी और प्रजाति-अंतर्गत झगड़े प्रमुख कारण रहे हैं।
केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट चीता को 70 वर्षों बाद चीतों की पुन:स्थापना का प्रतीक बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2022 को शुरू किया गया यह प्रयास मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के 748 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। पार्क चंबल नदी के किनारे स्थित है और यहां बाघों के अलावा अन्य वन्यजीव भी हैं।
–आईएएनएस
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