भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में हुए परिवहन घोटाले के मुख्य किरदार परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके साथी शरद जायसवाल के जमानत के आवेदन न्यायालय ने खारिज कर दिए हैं।
परिवहन घोटाले के मामले में पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसका साथी शरद जायसवाल वर्तमान में जेल में हैं। सौरभ शर्मा की मां, पत्नी और रिश्ते के जीजा को 10 लाख रुपए के बांड पर जमानत मिल चुकी है। सौरभ और उसके साथी शरद की ओर से जमानत के लिए आवेदन किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों की जमानत याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि अगर सौरभ और उसके साथियों को जमानत दे दी जाती है तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी की दलील के आधार पर न्यायाधीश ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल को जमानत नहीं दी जा सकती। अब इन आरोपियों के पास उच्च न्यायालय में आवेदन करने का रास्ता है।
राज्य में हुए परिवहन घोटाले का खुलासा एक कार में 54 किलोग्राम सोना और 11 करोड़ रुपए की नगदी मिलने के बाद हुआ था। पुलिस ने एक कार्यालय से ढाई क्विंटल चांदी भी बरामद की थी। ईडी ने सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल, सौरभ की मां और अन्य 12 लोगों पर आरोप तय किए हैं। इसके अलावा 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त और कुर्क की जा चुकी है।
इस मामले में ईडी के अलावा लोकायुक्त और आयकर विभाग ने भी प्रकरण दर्ज किया। लोकायुक्त की ओर से 60 दिन में न्यायालय में चालान पेश न किए जाने के कारण तीन प्रमुख आरोपियों को जमानत भी मिल गई थी।
–आईएएनएस
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