भोपाल 7 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में जांच एजेंसियों द्वारा पिछले दिनों की गई कार्रवाई और उसके साथ हुए खुलासों के बाद राज्य का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस की ओर से हमले किए जा रहे हैं तो वहीं भाजपा के लोग भी सवाल उठा रहे हैं।
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें बड़े खुलासे हुए हैं। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के भी संपर्क व संबंध का खुलासा हुआ है।
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के करोड़पति होने का खुलासा होने के बाद कई राजनेताओं से उसके नजदीकी रिश्ते होने के आरोप लग रहे हैं। उसके यहां से जो दस्तावेज मिले हैं उनकी जांच एजेंसी तहकीकात कर रही है। सौरभ का करीबी चेतन गौर गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी तक सौरभ शर्मा का कोई सुराग पुलिस के हाथ या जांच एजेंसी के नहीं लगा है।
दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने सीधे तौर पर सौरभ शर्मा को पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का संरक्षण हासिल होने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि सौरभ को नरोत्तम मिश्रा की अनुशंसा पर ही अनुकंपा नियुक्ति मिली थी इसके अलावा सौरभ की दतिया जिले के चिरुला चेक पोस्ट पर पद स्थापना भी राजनीतिक संरक्षण की वजह थी। इसकी जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी राज्य सरकार और भाजपा से जुड़े कई नेताओं पर आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने यही कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम करेगी।
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने तो सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में जोशी ने बिल्डर और पूर्व अधिकारियों के रिश्तों का भी जिक्र किया है।
–आईएएनएस
एसएनपी/एएस