भोपाल, 14 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में सामने आई गड़बड़ी के बाद नियुक्तियों पर भले ही रोक लगा दी गई हो, मगर इस मामले पर धीरे-धीरे सियासी रंग चढ़ने लगा है। कांग्रेस जहां छात्रों के हवाले से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोटालों की ब्रांड एंबेस्डर बता रही है तो वहीं सरकार की ओर से कमलनाथ पर डर्टी पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया गया है।
राज्य में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा समूह दो, उप समूह चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसके परिणाम घोषित हुए और पटवारी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगे। ग्वालियर का एक परीक्षा केंद्र विवादों में आया जो भाजपा के विधायक संजीय सिंह कुशवाहा का है। इस मामले के सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर ही रोक लगा दी। अब इस पूरे मामले पर सियासी हमलों का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने पटवारी परीक्षा की गड़बड़ी को लेकर कहा, किसी भी सरकार के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता बनाए रखना होती है। शिवराज सरकार विश्वसनीयता खो चुकी है। कोई भी सरकार जब चयन में धांधली पर उतर आए ये उसका सबसे निकृष्टतम स्तर होता है। कोई भी विभाग ऐसा नहीं है, जहां बेईमानी या भ्रष्टाचार करने में शिवराज सरकार ने कोई कसर छोड़ी हो। प्रदेश की जनता बोल रही है कि एक तरफ तो मामा (शिवराज) का ड्रामा चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ 50 प्रतिशत कमीशन दो और किसी भी विभाग में नौकरी पाओ का कारनामा चल रहा है। मुझे अभी कुछ विधार्थियां का प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था, जिन्होंने बात ही बात में कहा कि शिवराज घोटालों के ब्रांड एंबेसडर हैं। क्योंकि शिवराज ने ऐसा कोई सगा नहीं जिसको उन्होंने ठगा नहीं। भांजी और भांजों को भी इन्होनें नहीं छोड़ा। इनको तो छोड़ देते, उन पर तो रहम करते।
वहीं, राज्य सरकार के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर कमलनाथ जी डर्टी पॉलिटिक्स कर रहे हैं। प्रदेश में जनाधार खो चुकी कांग्रेस गलत तथ्यों के आधार पर नौजवानों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम
भोपाल, 14 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में सामने आई गड़बड़ी के बाद नियुक्तियों पर भले ही रोक लगा दी गई हो, मगर इस मामले पर धीरे-धीरे सियासी रंग चढ़ने लगा है। कांग्रेस जहां छात्रों के हवाले से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोटालों की ब्रांड एंबेस्डर बता रही है तो वहीं सरकार की ओर से कमलनाथ पर डर्टी पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया गया है।
राज्य में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा समूह दो, उप समूह चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसके परिणाम घोषित हुए और पटवारी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगे। ग्वालियर का एक परीक्षा केंद्र विवादों में आया जो भाजपा के विधायक संजीय सिंह कुशवाहा का है। इस मामले के सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर ही रोक लगा दी। अब इस पूरे मामले पर सियासी हमलों का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने पटवारी परीक्षा की गड़बड़ी को लेकर कहा, किसी भी सरकार के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता बनाए रखना होती है। शिवराज सरकार विश्वसनीयता खो चुकी है। कोई भी सरकार जब चयन में धांधली पर उतर आए ये उसका सबसे निकृष्टतम स्तर होता है। कोई भी विभाग ऐसा नहीं है, जहां बेईमानी या भ्रष्टाचार करने में शिवराज सरकार ने कोई कसर छोड़ी हो। प्रदेश की जनता बोल रही है कि एक तरफ तो मामा (शिवराज) का ड्रामा चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ 50 प्रतिशत कमीशन दो और किसी भी विभाग में नौकरी पाओ का कारनामा चल रहा है। मुझे अभी कुछ विधार्थियां का प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था, जिन्होंने बात ही बात में कहा कि शिवराज घोटालों के ब्रांड एंबेसडर हैं। क्योंकि शिवराज ने ऐसा कोई सगा नहीं जिसको उन्होंने ठगा नहीं। भांजी और भांजों को भी इन्होनें नहीं छोड़ा। इनको तो छोड़ देते, उन पर तो रहम करते।
वहीं, राज्य सरकार के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर कमलनाथ जी डर्टी पॉलिटिक्स कर रहे हैं। प्रदेश में जनाधार खो चुकी कांग्रेस गलत तथ्यों के आधार पर नौजवानों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम