भोपाल, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मंगलवार शाम गहरे बोरवेल में गिरे लड़के की शनिवार सुबह रेस्क्यू किए जाने के दौरान मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था, हालांकि, बुधवार तक लड़के ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया था।
जिला प्रशासन की निगरानी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने बचाव अभियान जारी रखा। उन्होंने बोरवेल के किनारे एक सुरंग खोदी, हालांकि, इस प्रक्रिया में 80 घंटे से अधिक का समय लगा और जब तक वे लड़के तक पहुंच पाते, वह मर चुका था।
बचाव अभियान शनिवार तड़के पूरा हुआ और डॉक्टरों ने लड़के को मृत घोषित कर दिया। बैतूल जिला प्रशासन ने बाद में शनिवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि लड़के को बचाए जाने से कुछ घंटे पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया और परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
चौहान ने शनिवार की सुबह ट्वीट किया, बड़े दुख की बात है कि बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे नन्हे तन्मय (साहू) को प्रशासन के अथक प्रयास के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें, ओम शांति।
बालक- तन्मय साहू शाम करीब 5 बजे खेत में खेलते समय बोरवेल में गिर गया था। 6 दिसंबर को, और बचाव अभियान अगले घंटे के भीतर शुरू हुआ। वह 400 फुट गहरे बोरवेल के 55 फुट नीचे फंस गया था।
घटना के घंटों बाद बोरवेल के समानांतर सुरंग की खुदाई शुरू की गई थी। हालांकि, कठोर चट्टान और पानी की वजह से प्रक्रिया में देरी हुई।
तन्मय के पिता सुनील साहू ने बताया कि उनकी बेटी ने उन्हें बोरवेल में गिरते देख घटना की जानकारी दी।
सुनील साहु ने कहा, हम तुरंत मौके पर पहुंचे। वह सांस ले रहा था और पूछताछ करते हुए हमने उसकी आवाज सुनी। शाम छह बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे बोरवेल को खुला न छोड़ें ताकि किसी और बच्चे का ऐसा हश्र न हो।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जिस बोरवेल में लड़का गिरा और मरा, उसे कुछ दिन पहले खोदा गया था और ऊपरी छेद से खुला छोड़ दिया गया था।
–आईएएनएस
एसकेके/एएनएम
भोपाल, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मंगलवार शाम गहरे बोरवेल में गिरे लड़के की शनिवार सुबह रेस्क्यू किए जाने के दौरान मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था, हालांकि, बुधवार तक लड़के ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया था।
जिला प्रशासन की निगरानी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने बचाव अभियान जारी रखा। उन्होंने बोरवेल के किनारे एक सुरंग खोदी, हालांकि, इस प्रक्रिया में 80 घंटे से अधिक का समय लगा और जब तक वे लड़के तक पहुंच पाते, वह मर चुका था।
बचाव अभियान शनिवार तड़के पूरा हुआ और डॉक्टरों ने लड़के को मृत घोषित कर दिया। बैतूल जिला प्रशासन ने बाद में शनिवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि लड़के को बचाए जाने से कुछ घंटे पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया और परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
चौहान ने शनिवार की सुबह ट्वीट किया, बड़े दुख की बात है कि बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे नन्हे तन्मय (साहू) को प्रशासन के अथक प्रयास के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें, ओम शांति।
बालक- तन्मय साहू शाम करीब 5 बजे खेत में खेलते समय बोरवेल में गिर गया था। 6 दिसंबर को, और बचाव अभियान अगले घंटे के भीतर शुरू हुआ। वह 400 फुट गहरे बोरवेल के 55 फुट नीचे फंस गया था।
घटना के घंटों बाद बोरवेल के समानांतर सुरंग की खुदाई शुरू की गई थी। हालांकि, कठोर चट्टान और पानी की वजह से प्रक्रिया में देरी हुई।
तन्मय के पिता सुनील साहू ने बताया कि उनकी बेटी ने उन्हें बोरवेल में गिरते देख घटना की जानकारी दी।
सुनील साहु ने कहा, हम तुरंत मौके पर पहुंचे। वह सांस ले रहा था और पूछताछ करते हुए हमने उसकी आवाज सुनी। शाम छह बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे बोरवेल को खुला न छोड़ें ताकि किसी और बच्चे का ऐसा हश्र न हो।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जिस बोरवेल में लड़का गिरा और मरा, उसे कुछ दिन पहले खोदा गया था और ऊपरी छेद से खुला छोड़ दिया गया था।
–आईएएनएस
एसकेके/एएनएम