भोपाल, 19 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं, ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ही मतदाताओं को इम्प्रेस करने के लिए मुफ्त की घोषणा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार न सिर्फ एक के बाद एक योजनाओं की घोषणा कर रही है बल्कि उन्हें लागू करने के लिए कदम भी उठा रही है। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस लगातार जनता से अलग-अलग वादे करती रही है।
विपक्ष द्वारा घोषणा मशीन का टैग दिए जाने वाले चौहान ने अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत वित्तीय सहायता की राशि 49,000 रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये करने का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश सरकार योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह में होने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
चौहान ने गुरुवार को देवास जिले के सोनकच्छ कस्बे में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि हमने कई कल्याणकारी योजनाएं चलाकर समाज में बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत वर्तमान में समाज के गरीब तबके की लड़कियों की शादी के लिए 49 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अब इसे बढ़ाकर 51,000 रुपये कर दिया गया है।
कमलनाथ ने भी गुरुवार को घोषणा की थी कि अगर कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतती है तो राज्य में लोगों के लिए 100 यूनिट तक बिजली शुल्क माफ कर दिया जाएगा और 200 यूनिट तक बिजली शुल्क आधा कर दिया जाएगा।
हालांकि, कमलनाथ ने गुरुवार को सस्ती दर पर बिजली देने की घोषणा एक बार फिर दोहराई है। वह पिछले कुछ महीनों से सस्ती दर पर बिजली देने का जिक्र कर रहे हैं।
इन घोषणाओं से पहले मुख्यमंत्री चौहान ने लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी और इसके लिए वे प्रदेश भर में अभियान चला रहे हैं।
शरुआत में यह योजना लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ने के लिए पर्याप्त थी, लेकिन कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना के तहत 15,000 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की। कांग्रेस ने राज्य में परिवारों को 500 रुपये में सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्षी कांग्रेस सत्ता में वापसी करने का प्रयास कर रही है।
–आईएएनएस
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