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मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया मरीजों की हो रही स्क्रीनिंग, 20,000 से ज्यादा की पहचान

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August 14, 2024
in राष्ट्रीय
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मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया मरीजों की हो रही स्क्रीनिंग, 20,000 से ज्यादा की पहचान
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भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जनजाति बाहुल्य इलाकों में स्क्रीनिंग करके सिकल सेल मरीजों की पहचान की जा रही है। पूरे राज्य में 20 हजार से अधिक मरीजों की पहचान हुई है।

सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

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राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

–आईएएनएस

एसएनपी/एससीएच

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भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जनजाति बाहुल्य इलाकों में स्क्रीनिंग करके सिकल सेल मरीजों की पहचान की जा रही है। पूरे राज्य में 20 हजार से अधिक मरीजों की पहचान हुई है।

सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

–आईएएनएस

एसएनपी/एससीएच

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भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जनजाति बाहुल्य इलाकों में स्क्रीनिंग करके सिकल सेल मरीजों की पहचान की जा रही है। पूरे राज्य में 20 हजार से अधिक मरीजों की पहचान हुई है।

सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

–आईएएनएस

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जनजाति बाहुल्य इलाकों में स्क्रीनिंग करके सिकल सेल मरीजों की पहचान की जा रही है। पूरे राज्य में 20 हजार से अधिक मरीजों की पहचान हुई है।

सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

–आईएएनएस

एसएनपी/एससीएच

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भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जनजाति बाहुल्य इलाकों में स्क्रीनिंग करके सिकल सेल मरीजों की पहचान की जा रही है। पूरे राज्य में 20 हजार से अधिक मरीजों की पहचान हुई है।

सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

–आईएएनएस

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

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एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

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32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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सिकल सेल एनीमिया मरीजों की वर्तमान स्थिति से उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जानकारी दी।

राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल की खास नजर जनजाति बाहुल्य इलाकों के विकास और उनकी समस्या के साथ सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर भी है। वे समय-समय पर इन क्षेत्रों की समस्याओं की समीक्षा करते हैं।

राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत जनजाति वर्ग है। राज्य में सिकल सेल नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राजभवन में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से बुधवार को मुलाकात की और सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के प्रयासों और प्रगति से राज्यपाल को अवगत कराया।

उन्होंने हीमोग्लोबिन पैथी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों, सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के प्रयासों और संचालित जागरूकता गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक सिकल सेल की रोकथाम के लिए सावधानियों को समझे। इसके लिए जागरूकता अभियान और आउटकम की मॉनिटरिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

एकीकृत उपचार केंद्रों में निःशुल्क, रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9,22,500 हाइडॉक्सी यूरिया का वितरण एवं 3,037 यूनिट निःशुल्क रक्तदान किया गया है।

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राज्य में 89 विकास खंड जनजाति बाहुल्य हैं और इन इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी बीमारी है। यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो जाती है। राज्य में इस बीमारी के विस्तार को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 33 जिलों में सिकल सेल मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1.34 लाख नागरिक सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज पाए गए हैं।

32,37,842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिन्हित किए गए जिलों में 6 से 10 बेड एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।

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