भोपाल, 14 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में जुलाई में एक आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला के एक आदिवासी पर पेशाब करने के अमानवीय कृत्य ने देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित (दशमत रावत) के पैर भी धोए थे।
तीन महीने बाद ऐसी ही एक घटना सामने आई है और इस बार राज्य की राजधानी भोपाल से, जहां लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर एक दलित व्यक्ति की पिटाई की और उसके शरीर पर पेशाब किया। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक अस्पताल में पाया।
भोपाल की घटना का मुख्य आरोपी – शेरू मीणा कथित तौर पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है, जबकि पीड़ित दलित समुदाय से है और सरकार द्वारा नियोजित ‘चौकीदार’ है।
जबकि पिछली घटना सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर एक ग्रामीण इलाके से सामने आई थी, मगर ताजा घटना राज्य की राजधानी से सामने आई है, जो अपने आप में चुनावी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है।
पीड़ित रामस्वरूप अहिरवार (39) ने सुखी सेवनिया पुलिस स्टेशन में दर्ज अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि लोगों के एक समूह ने उसका अपहरण कर लिया और उसे तब तक पीटा, जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया, इससे पहले एक व्यक्ति ने उसके बदन पर पेशाब कर दिया।
एफआईआर के अनुसार, हमीदिया अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे अहिरवार को अपनी ड्यूटी करने के कारण प्रताड़ित किया गया।
अहिरवार ने कहा कि उसे पटवारी अरुण मुद्ल का फोन आया, उन्होंने बताया कि कोई सरकारी जमीन पर तार की बाड़ लगा रहा है, जिसकी उसे जांच करनी चाहिए।
एफआईआर की एक प्रति आईएएनएस के पास है, जिसमें कहा गया है, “पटवारी से निर्देश मिलने पर मैं मौके पर पहुंचा और पाया कि उसी गांव का निवासी मस्तान मीणा नाम का एक व्यक्ति कुछ मजदूरों की मदद से तार की बाड़ लगा रहा था। जब मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो उन्होंने शेरू मीणा को बुलाया, जो तीन अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।”
इसी बीच शेरू मीणा और उसके साथियों ने अहिरवार के साथ मारपीट शुरू कर दी। अहिरवार ने आरोप लगाया कि उसके बाद शेरू ने जबरदस्ती उसका हाथ रस्सी से बांध दिया, उसे अपनी कार में डाला और एक अलग स्थान पर ले गया।
पीड़ित ने कहा, “उन्होंने मुझे वहां भी पीटा और जब मैं बेहोश होने लगा तो शेरू ने मेरे ऊपर पेशाब कर दिया। उसके बाद वे मुझे संजीव नगर में शेरू मीणा के घर ले गए, वहां भी मेरी पिटाई की और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया, जहां मैं लगभग 2-3 घंटे तक बेहोश रहा।”
बाद में कुछ लोग अहिरवार को हमीदिया अस्पताल ले गए और उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि मुख्य आरोपी शेरू मीणा अभी भी फरार है।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और आरोप लगाया है कि वह विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने कहा, ”मुख्य आरोपी शेरू मीणा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिससे सवाल उठता है कि क्या भाजपा उसे बचाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है। हर बार ऐसी घटनाओं के लिए भाजपा कार्यकर्ता ही जिम्मेदार क्यों होते हैं?”
हुज़ूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री शिवराज के करीबी माने जाने वाले रामेश्वर शर्मा ने प्रेस को बताया, “रामस्वरूप (पीड़ित) और आरोपी शेरू मीणा दोनों मेरे समर्थक हैं और वे अच्छे दोस्त रहे हैं। न तो मुझे घटना की जानकारी है और न ही मैं किसी को बचा रहा हूं।“
–आईएएनएस
एसजीके