नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
–आईएएनएस
पीएसएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
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थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
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अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
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अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
–आईएएनएस
पीएसएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें महान शख्सियत करार दिया।
थरूर ने आईएएनएस से कहा, “वह एक अद्वितीय और असाधारण व्यक्ति थे। उनकी विशेषता उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा थी, जो हमारी राजनीति में बहुत कम देखने को मिलती है। जब उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी, तब भी वह युवाओं के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत बेहतर बन सके। कोई संदेह नहीं है कि वह सचमुच एक महापुरुष थे, जो हम सबको छोड़ कर चले गए।”
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर में, हमारी राजधानी में काफी स्मारक हैं। तो इसलिए एक और करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेरे ख्याल में सरकार को ऐसा कुछ तय करना चाहिए कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक अच्छी समाधि बनानी चाहिए।”
निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।