deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

मनमोहन सिंह की ही तरह मेरे पिता की मौत पर भी होनी चाहिए थी सीडब्ल्यूसी की मीटिंग : शर्मिष्ठा मुखर्जी (आईएएनएस साक्षात्कार)

by
December 28, 2024
in राष्ट्रीय
0
मनमोहन सिंह की ही तरह मेरे पिता की मौत पर भी होनी चाहिए थी सीडब्ल्यूसी की मीटिंग : शर्मिष्ठा मुखर्जी (आईएएनएस साक्षात्कार)
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

READ ALSO

रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों के साथ की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व मौजूदा स्थिति की समीक्षा

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की। इस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि जैसे मनोमहन सिंह की मौत पर सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई, उस तरह से उनके पिता की मौत पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। आईएएनएस से विशेष बातचीत में भी उन्‍होंने इसी बात को दोहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर, सीडबल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।”

इस मुद्दे पर उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की।

सवाल : आपने जो एक्स पर पोस्ट किया, उसमें क्या कहना चाहती हैं ?

जवाब : मैं डॉ. मनमोहन सिंह पर कोई विवाद नहीं करना चाहती। वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। वह भारत में आर्थिक सुधार के आर्किटेक्ट हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। लेकिन शुक्रवार को जब मैंने भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन का ट्वीट देखा और उससे पहले वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे पीवी नरसिम्हा राव जी जो कांग्रेस से पीएम थे और कांग्रेस अध्यक्ष भी थे, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी में रखने की अनुमति नहीं दी गई। उनका परिवार उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहता था। लेक‍िन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मेरे पिता भी इस बात से परेशान थे और उन्होंने अपनी डायरी में इस बात को लिखा। मेरे पिता का देहांत 2020 में हुआ। मैं कांग्रेस से अलग हो गई थी। मुझे उम्मीद थी कि सीडब्ल्यूसी की एक औपचारिक शोक बैठक होगी और एक औपचारिक शोक संदेश होना चाहिए, जो परंपरा रही है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि सोनिया गांधी ने मुझे मेरे पिता की मौत पर शोक संदेश भेजा था। मेरे पिता पांच साल तक राष्ट्रपति रहे थे, इसलिए मुझे सीडब्‍ल्यूसी से एक औपचारिक संदेश की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने वरिष्ठ नेताओं से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि वह राष्ट्रपति थे और यह राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं थे। लेकिन यह गलत था, क्योंकि जब मैंने उनकी डायरी देखी, तो मुझे पता चला कि किसी अन्य राष्ट्रपति के लिए एक शोक संदेश था। इसलिए मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि इतने वरिष्ठ नेता के लिए भी कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई।

सवाल : मल्लिकार्जुन खड़गे के मनमोहन सिंह पर लिखे पत्र के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?

जवाब : मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। वह इसके हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मेरे ट्वीट का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ट्वीट केवल इस बात पर गहरा दुख व्यक्त करने के लिए था कि मेरे प‍िता की मौत पर सीडब्ल्यूसी ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और कोई औपचारिक शोक सभा आयोजित नहीं की। यही मेरा दुख है। इसका स्मारक से कोई लेना-देना नहीं है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि आपको कांग्रेस से यह कहना चाहिए कि मेरे पिता की मौत पर सोनिया गांधी मेरे लिए शोक संदेश लिखा था। लेकिन, व्यक्तिगत शोक और किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्थान की ओर से व्‍यक्‍त शोक संवेदना में अंतर होता है। मैं यह बात दोहराना चाहती हूं कि मेरे पिता पांच साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 45 साल तक वह कांग्रेस के नेता रहे। वह 30 साल तक सीडब्‍ल्यूसी से जुड़े रहे। उस स्थिति में वह सीडबल्यूसी द्वारा औपचारिक शोक संवेदना के पात्र थे। वह कोविड काल का समय था। इसलिए कांग्रेस के लिए इन पर्सन मीटिंग करना संभव नहीं था, लेकिन वह ज़ूम मीटिंग कर सकते थे। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ।

सवाल : क्‍या कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति हो रही है?

जवाब : मुझे लगता है कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए। मैं अब कांग्रेस या किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। इसलिए मैं बोल सकती हूं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के शव को एआईसीसी में क्यों नहीं आने दिया, उन्होंने प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद कोई औपचारिक श्रद्धांजलि सभा क्यों नहीं की।

सवाल : क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में शासन करने की स्वतंत्रता दी?

जवाब : अपने पिता की डायरी पढ़ने के बाद मैंने अपनी किताब में बहुत कुछ लिखा है। मुझे लगा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन हां, मंत्री पद पर नियुक्ति, राज्यपाल की नियुक्ति के मामले में वह सर्वोच्च अधिकारी थीं। लेकिन मेरे पिता की डायरी से मुझे कभी नहीं पता चला कि सोनिया गांधी शासन में हस्तक्षेप करती थीं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार ने मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के साथ अच्छा व्यवहार किया है?

जवाब : हां, मेरे पिता को पार्टी में रहने के दौरान बहुत सम्मान मिला। उन्हें सभी सदस्यों से सम्मान मिला। इसलिए इस सीडब्ल्यूसी शोक सभा के बारे में मुझे वास्तव में नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या यह संस्थागत स्मृति की कमी के कारण था।

सवाल : क्या प्रणब मुखर्जी ने कभी आपसे कहा है कि यूपीए सरकार का नेतृत्व सोनिया गांधी कर रही हैं?

जवाब : नहीं, माफ कीजिए, सोनिया गांधी ने कभी यूपीए सरकार का नेतृत्व नहीं किया। सरकार का नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। मुझे ऐसा कोई आभास नहीं हुआ कि वह सरकार में हस्तक्षेप कर रही हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

Related Posts

रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों के साथ की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व मौजूदा स्थिति की समीक्षा
राष्ट्रीय

रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों के साथ की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व मौजूदा स्थिति की समीक्षा

May 9, 2025
राष्ट्रीय

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

May 9, 2025
BSF ने जम्मू के सांबा जिले में घुसपैठ की कोशिश
ताज़ा समाचार

BSF ने जम्मू के सांबा जिले में घुसपैठ की कोशिश कर रहे सात आतंकियों को किया ढेर

May 9, 2025
राष्ट्रीय

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाली जनहित याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – हम किसी राज्य को आदेश नहीं दे सकते

May 9, 2025
राष्ट्रीय

राजस्थान: जैसलमेर में मिली बम जैसी वस्तु, पुलिस ने इलाके को किया सील

May 9, 2025
जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ नाकाम, सुरक्षा बलों ने सात आतंकियों को किया ढेर
राष्ट्रीय

जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ नाकाम, सुरक्षा बलों ने सात आतंकियों को किया ढेर

May 9, 2025
Next Post
भूकंप प्रभावित वानुअतु की मदद, इंडोनेशिया ने भेजी मेडिकल टीम और खाद्य समाग्री

भूकंप प्रभावित वानुअतु की मदद, इंडोनेशिया ने भेजी मेडिकल टीम और खाद्य समाग्री

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

ब्यूटी पार्लर की आड़ में धर्मांतरण का आरोप, दंपती समेत 3 गिरफ्तार

ब्यूटी पार्लर की आड़ में धर्मांतरण का आरोप, दंपती समेत 3 गिरफ्तार

May 15, 2023
टीना फिलिप 2023 में योग करने और सकारात्मक बने रहने पर ध्यान देना चाहती हैं

टीना फिलिप 2023 में योग करने और सकारात्मक बने रहने पर ध्यान देना चाहती हैं

January 2, 2023
आप को झटका, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल भास्कर राव

आप को झटका, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल भास्कर राव

March 1, 2023

डेविस कप: इटली का सामना फाइनल आठ के पहले मैच में अर्जेंटीना से

September 20, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080637
Total views : 5868132
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications