अमृतसर, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर स्थित हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल संजय खन्ना ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बड़ी क्षति है कि इतने बड़े अर्थशास्त्री हमारे बीच नहीं रहे। वो अब हम सभी को छोड़कर चले गए। मनमोहन सिंह जैसा अर्थशास्त्री ना ही आज तक हुआ है और ना ही कभी होगा।
उन्होंने कहा कि 2018 में एलुमनी मीटिंग में मनमोहन सिंह जी आए थे। उन्होंने स्टूडेंट को संबोधित भी किया था। इस दौरान, उन्होंने कई पुरानी घटनाएं भी छात्रों के साथ साझा किए थे। अपने संबोधन से छात्रों का उत्साह भी बढ़ाया था। सबसे बड़ी बात यह रही कि मनमोहन सिंह जी ने अपने संबोधन में अपने समय के शिक्षकों का भी जिक्र किया था। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें अब तक अपने शिक्षकों का नाम याद थे। आमतौर पर देखने को मिलता है कि लोग गुजरते वक्त के साथ अपने शिक्षकों के नाम भूल जाते हैं। लेकिन, मनमोहन सिंह की खास बात यह रही कि वो अपने किसी भी शिक्षक का नाम नहीं भूले।
उन्होंने आगे कहा कि मनमोहन सिंह उन सभी कक्षाओं में गए, जहां वो पहले कभी पढ़ा करते थे। जब वो हमारे बीच आए थे, तो कॉलेज के सभी स्टाफ काफी खुश थे। खासकर बच्चों में एक खासा उत्साह देखने को मिला था। वो सभी बच्चों से मिले भी थे और उनका उत्साह भी बढ़ाया था।
प्रिंसिपल ने कहा कि मनमोहन सिंह जी का जाना एक बहुत बड़ी क्षति है। वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए वो 1991 में देश में एक नई आर्थिक नीति लेकर आए थे। उन्होंने अर्थ क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए थे। उन्होंने देश के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दिया।
उन्होंने कहा कि मैंने आज तक अपने जीवनकाल में कभी नहीं देखा कि मनमोहन सिंह जी ने कभी-भी राजनीति के क्षेत्र में रहने के बावजूद भी किसी के लिए अशोभनीय शब्द का इस्तेमाल किया हो। उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था कि उनके विरोधी भी उनकी तारीफ करने को बाध्य हो जाते थे।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमृतसर स्थित हिंदू कॉलेज से ही अपना ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि हासिल की थी।
गुरुवार को मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया था। वो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। घर में अचेत होने के बाद उन्हें तुरंत एम्स में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिन राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इसके अलावा, कई राज्यों की सरकारों ने भी अपने यहां राजकीय शोक घोषित किए जाने का ऐलान किया है।
–आईएएनएस
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