भोपाल, 13 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप दो सब ग्रुप चार की पटवारी चयन परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद छात्र सड़कों पर उतर आए और उन्होंने गुरुवार को पूरे दिन कई स्थानों पर हंगामा किया। रात होते-होते सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और नियुक्तियों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टवीट कर कहा है कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-दो, उप समूह-चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम की फिर से जांच की जाएगी।
कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा का केंद्र ग्वालियर का एक महाविद्यालय है, जो भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा का है। नतीजे सामने आए तो इस केंद्र के सात छात्रों ने प्रावीण्य सूची (मेरिट लिस्ट) में स्थान पाया, वहीं इस केंद्र से कुल 144 परीक्षार्थियों का चयन हुआ। उसके बाद से ही मामला जोर पकड़े हुए है। यह खुलासा कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने किया था।
गुरुवार को इंदौर में हजारों छात्र सड़क पर उतरे, कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया और परीक्षा में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही कई छात्रों ने पूरी परीक्षा ही निरस्त करने की मांग की है। इस मामले के तूल पकड़ने पर सियासी बयानबाजी भी जोर पकड़ रही है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इस मामले पर कहा, ”मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपये में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का ही नाम क्यों सामने आता है? नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है?”
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, ”मध्यप्रदेश में हुए पटवारी भर्ती घोटाले के खिलाफ हजारों छात्र इंदौर में प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में जिस तरह से हर प्रतियोगी और भर्ती परीक्षा में धांधली और घोटाला सामने आ रहा है, उससे मेहनत करने वाले छात्रों का नाराज होना स्वाभाविक है। मैं मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि वह नौजवानों के इस असंतोष और गुस्से को समझें। भ्रष्टाचार और घोटाले के हर मामले को लीपापोती कर दबा देने की मानसिकता छोड़कर छात्रों के साथ न्याय करें।”
राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ”कमलनाथ ग्वालियर के छात्रों की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं, जब कांग्रेस सरकार में थी तब ग्वालियर के लोगों ने आपका दुराग्रह देखा। ग्वालियर के नौजवान जिस पर कुठाराघात कर रहे हो, उनकी योग्यता पर सवाल उठा रहे हो। आपने अपने कार्यकाल में तो एक नौकरी तक नहीं दी।”
इससे पहले भिंड में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदर्शन किया और ग्वालियर के कॉलेज के संचालक का पुतला भी फूंका और उन पर कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन की तस्वीरों को साझा करते हुए पूर्व मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट किया, ”पटवारी भर्ती घोटाले में तो अब भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने एनआरआई कॉलेज के मालिक भाजपा विधायक का पुतला जला रहे हैं, साथ ही भाजपा के पार्षद के पुत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ”धृतराष्ट्र” बता रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी, पटवारी भर्ती घोटाले की तत्काल सीबीआई से जांच करवाने का कष्ट करें।”
–आईएएनएस
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