भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के नतीजे घोषित हो चुके हैं, उनके पात्र परीक्षार्थियों की नियुक्ति की जाए।
दरअसल, कई परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि जिन विभागों में भर्ती की परीक्षा आयोजित की जा चुकी है और परिणाम घोषित होने के बाद गंभीर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के कारण नियुक्तियां नहीं की गई हैं, उन मामलों में हुए भ्रष्टाचार की शीघ्र जांच पूरी करके पात्र युवाओं को शीघ्र नियुक्तियां दी जाये। दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो तथा जिन परीक्षाओं के परिणाम अभी तक घोषित नहीं किये गये हैं, उनके परिणाम शीघ्र घोषित कर उन्हें नियुक्तियां दी जाए, जिससे युवाओं में व्याप्त भयंकर रोष एवं अवसाद को नियंत्रित किया जा सके।
अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है मध्य प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में ग्रुप एक, दो, चार और पांच के पदों के साथ-साथ पटवारी, वनरक्षक, शिक्षक वर्ग – एक, पुलिस कॉन्स्टेबल तथा कृषि विभाग के अंतर्गत एटीएमए के कुल 37,790 पदों पर भर्ती के लिए मार्च 2023 से अगस्त 2023 तक परीक्षाएं आयोजित की गई थी। उक्त परीक्षाओं में से ग्रुप-दो और पटवारी परीक्षा के कुल 9,073 पदों के परिणाम के अलावा किसी भी परीक्षा का अभी तक परिणाम घोषित नहीं किया गया है।
जिन 9,073 पदों का परिणाम घोषित किया गया है, उन पर भी अभी तक गंभीर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के कारण नियुक्तियां नहीं की गई हैं। भ्रष्टाचार के उक्त मामलों में सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी को 30 अगस्त 2023 तक रिपोर्ट देनी थी, जिसने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इससे यह आशंका पुष्ट हो जाती है कि जिन परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिये गये थे, उनमें हुए भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों पर भी सरकार लीपापोती करने का प्रयास कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए लिखा कि जहां मध्य प्रदेश में एक ओर लगातार बढ़ती बेरोजगारी के कारण युवाओं में व्याकुलता है, वहीं, परीक्षाओं के परिणाम नहीं आने और भ्रष्टाचार के कारण नियुक्तियों पर रोक लगा दिये जाने से प्रदेश के बेरोजगार युवक भारी हताशा और अवसाद का सामना कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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