भोपाल, 2 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस के तेवर उग्र है। कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह विधानसभाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी के एक बयान को आधार बनाते हुए उन्हें बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव सदन में संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने रखा, जिसे विधानसभाध्यक्ष गिरीष गौतम ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। विधानसभाध्यक्ष के फैसले केा लेकर कांग्रेस नाराज हैं। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर विधायकों की बैठक हुई।
प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की विधानसभा और हर विधानसभा इसलिए बनाई है ताकि हम अपनी बात रख सकें। विधानसभा में हमारे साथियों ने आज कई मुद्दे उठाए, कोई ऐसा मुद्दा नहीं था, जिसका सबूत नहीं हो। सरकार द्वारा 24 हजार करोड़ रूपए का ब्याज प्रति साल दिया जा रहा है। सब मुद्दों पर जवाब देने की जगह यह पहले से तय करके आए थे कि सदन नही चलने देंगे। इनकी योजना है कि सदन नहीं चले। विधानसभा से एक सदस्य का निलंबन करना, गला घोटना है।
कमलनाथ ने कहा कि हमने यह तय किया है विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। भाजपा के कार्यालय में खाना और नाश्ते को लेकर सवाल किया है। सब ने मिलकर तानाशाही चलाई। विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी के सदस्य बनकर कांग्रेस विधायक के निलंबन का काम किया है।
विधायक जीतू पटवारी ने अपने बयान में कहा कि निलंबन करना कोई बडी बात नही, बात यह है कि, जिस व्यक्ति ने सच्चाई और निष्ठा की कसम खाई वह सरकार के कहने पर निलंबन का आदेश कर रहा है। सच का सामना यह नहीं कर सकते हैं। एक तरफा कर्जा लेना और दूसरी तरफ सरकारी संपत्ति बेचना, यह लोग लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित कर रहे हैं। इसका खामियाजा इनको भुगतना पड़ेगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि जीतू पटवारी ने कोई गलत काम नहीं किया, वे जनता का मुद्दा उठा रहे थे और उस पर सरकार को घेर रहे थे। जनता के सामने सच्चाई न आ जाये इसलिए पटवारी को निलंबित किया गया जो घोर निंदनीय है।
–आईएएनएस
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