भोपाल, 20 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मतदान होने के बाद दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के निशाने पर नौकरशाह आ गए हैं। दोनों ही ओर से अधिकारियों को हिदायत दी जा रही है और सत्ता में आने पर सबक सिखाने तक की बात कही जा रही है।
राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान हुआ है। मतदान के दौरान कई स्थानों पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुई। छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस समर्थक सलमान खान की वाहन से कुचलकर मौत हो गई।
कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम सिंह नाती राजा ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटेरिया सहित अन्य लोगों पर हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया। गिरफ्तारी न होने पर कांग्रेस आक्रामक हुई और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजनगर पहुंच गए और उन्होंने थाने के सामने धरना दिया। इतना ही नहीं वह खटोली पर रात भर वहीं सोए भी।
इस मामले में भाजपा ने भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। साथ ही चुनावी लाभ पाने के लिए अपने ही कार्यकर्ता की हत्या करने का आरोप कांग्रेसियों पर लगाया। भाजपा ने छतरपुर के एसपी अमित सांघी और राजनगर के थानेदार पर बगैर जांच के मामला दर्ज करने का आरोप लगाया। दोनों अधिकारियों के निलंबन तक की मांग कर डाली।
इसी तरह सागर जिले के रहली में भी कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी यहां पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री का रुख हमलावर है और उन्होंने अधिकारियों को हिदायतें भी दे डाली।
एक अन्य मामला ग्वालियर में भी मतदान के दौरान सामने आया था जब जिलाधिकारी और कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण पाठक के बीच काफी बहस हुई थी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर ने तो एक्स पर लिखकर उन अधिकारियों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने बीजेपी के लिए काम किया है।
उन्होंने लिखा है, जेब में भाजपा का बैज रखकर काम करने वाले अधिकारी सावधान…! कमलनाथ जी ने सभी प्रत्याशियों को पत्र लिखकर भाजपा की मदद करने वाले अफसरों की लिस्ट भेजने के दिए निर्देश। भाजपा सरकार के इशारों पर काम करने वाले अफसरों की शिकायत कांग्रेस के स्थानीय प्रत्याशियों एवं नेताओं ने की है, कुछ जगह यह शिकायत गंभीर प्रतीत हुई हैं। ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है जो भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे थे।
उन्होंने आगे लिखा, कमलनाथ ने कहा – 30 नवंबर की शाम तक ऐसे अफसरों की सूची आवश्यक रूप से पहुंचाई जाए, जो भाजपा को अनैतिक लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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