नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताने वाले बयान को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ममता पर हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ तमाम विपक्षी पार्टियों से मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। किसी ने ममता के बयान का समर्थन किया तो किसी ने विरोध जताया।
‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने ममता के बयान का समर्थन करते हुए कहा, “महाकुंभ के अंदर कई लोगों की जान गई, इसके बाद किसी ने कहा कि उनको मोक्ष प्राप्त हो गया। उसके बाद दिल्ली स्टेशन पर हुए हादसे को सभी ने देखा। मैं इसको हादसा नहीं बल्कि हत्या कहूंगा, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई और 30 से अधिक लोग घायल हुए।”
वारिस पठान ने कहा कि सरकार ने महाकुंभ को लेकर शिगूफा छोड़ दिया कि 144 साल बाद यह आयोजन हो रहा है, यह कुंभ नहीं बल्कि महाकुंभ है। करोड़ों लोग आने वाले हैं, और हर चीज की सुविधा है। ऐसे में इसमें सरकार की विफलता है। महाकुंभ के आयोजन पर उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने ममता के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी 15 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में वह जो कह रही हैं, सही है। मैंने के पॉल्यूशन डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें बताया गया है कि संगम का पानी प्रदूषित हो चुका है। कुंभ में व्यवस्था ठीक नहीं है, इसलिए मैं वहां पर नहीं गया।
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील राउत ने ममता बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए कहा, “ममता बनर्जी ने जो कहा वह सही है। मैं खुद वहां पर स्नान करने के लिए गया था और वहां की व्यवस्था देखी है। वहां पर जिस तरह से अधिक संख्या में लोग जा रहे हैं, उस हिसाब से व्यवस्था नहीं बनाई गई है। लोग मर रहे हैं। बहुत से लोग अभी भी लापता हैं। महाकुंभ को लेकर जैसा प्रचार किया गया, वैसी व्यवस्था नहीं की गई।”
उत्तर प्रदेश से कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने ममता के बयान का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश और सनातन पर विश्वास रखने वाले लोगों के लिए कुंभ बहुत बड़ा समागम है। यह उत्तर प्रदेश का महापर्व है। महाकुंभ पर ऐसी टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है।
समाजवादी पार्टी के बागी विधायक अभय सिंह ने ममता बनर्जी के बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान देने के लिए ममता को देश के साधु-संतों से माफी मांगनी चाहिए। जहां देश-दुनिया से करोड़ों लोग आ रहे हैं, वहां पर थोड़ी अव्यवस्था हो सकती है।
–आईएएनएस
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