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Home Today's Special News

ममता ने गंगासागर मेले की उपेक्षा के लिए केंद्र पर हमला बोला

by
January 4, 2023
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ममता ने गंगासागर मेले की उपेक्षा के लिए केंद्र पर हमला बोला
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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

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नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

केसी/आरआर

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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

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नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

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ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

केसी/आरआर

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कोलकाता, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में गंगासागर मेले की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

ममता बनर्जी ने मेगा इवेंट के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सागर द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान कहा- केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए सभी सहायता और व्यय प्रदान करती है। लेकिन वह गंगासागर मेले के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करते हैं। गंगासागर मेले का पूरा खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाता है। मैं केंद्र सरकार से गंगासागर द्वीप को राष्ट्रीय कार्यक्रम घोषित करने का अनुरोध करती हूं।

नौ दिवसीय धार्मिक समागम 9 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी तक चलेगा, मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र डुबकी 14 और 15 जनवरी को लगाई जाएगी। राज्य प्रशासन इस बार गंगासागर मेले में रिकॉर्ड लगभग 30 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अभी भी गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए जलमार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जबकि प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा- मैंने बार-बार केंद्र सरकार से इस मामले को देखने की अपील की है। लेकिन मुझे अभी तक कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिली है। यहां मुरी गंगा नदी पर एक पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन हम अभी भी केंद्र सरकार की तरफ देख ही रहे हैं।

–आईएएनएस

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