कोलकाता, 24 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की सदस्यता निलंबित करने के खेल की अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के फैसले के मद्देनजर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह चुनाव न कराने का तत्काल प्रभाव है।
यूडब्ल्यूडब्ल्यू से निलंबन का मतलब है कि भारतीय पहलवान आगामी विश्व चैंपियनशिप में तिरंगे के नीचे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे और इसके बजाय उन्हें ‘तटस्थ एथलीटों’ के रूप में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसके अलावा, अगर कोई भारतीय पहलवान मंच पर आता है, तो भारत का राष्ट्रगान नहीं बजाया जाएगा।
खबर सामने आने के तुरंत बाद ममता बनर्जी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर केंद्र की आलोचना करते हुए कड़े शब्दों में एक संदेश जारी किया और इस घटनाक्रम को पूरे देश के लिए गंभीर शर्मिंदगी का विषय बताया।
उन्होंने लिखा, “यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। यह पूरे देश के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात है। केंद्र सरकार ने शर्मनाक रूप से अहंकारी होकर और हमारी पहलवान बहनों की दुर्दशा के प्रति उदासीन और उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाकर हमारे पहलवानों को निराश किया है।”
ममता ने केंद्र सरकार और भाजपा पर “अदम्य बहनों को स्त्रीद्वेष और घोर पुरुष प्रधानता दिखाकर परेशान करने” का भी आरोप लगाया।
उन्होंने लिखा, “भारत को उन लोगों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए, जिनके पास कोई नैतिक दया नहीं बची है और जो देश की शान बेटियों की गरिमा के लिए खड़े नहीं हो सकते। खैर, हिसाब-किताब का दिन बहुत दूर नहीं है।”
याद रहे कि देश की कई शीर्ष महिला पहलवानों ने हाल ही में पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर महीनों लंबा विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता ने महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मुद्दे पर केंद्र और भाजपा को लताड़ा है। मई में उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस कर्मियों द्वारा इन पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की थी।
ममता ने उस समय कहा था, “जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, दिनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार किया, उसकी कड़ी निंदा करती हूं। यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियनों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है। लोकतंत्र सहिष्णुता में निहित है, लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असहमति को दबाने पर पनपती हैं। मैं मांग करता हूं कि पुलिस उन्हें तुरंत रिहा करे। मैं अपनी पहलवान बहनों के साथ खड़ी हूं।”
–आईएएनएस
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