नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कुंभ मेला को ‘मृत्यु कुंभ’ कहने के संबंध में बुधवार को सफाई दी।
घोष ने कहा कि ममता बनर्जी का यह बयान किसी भी तरह से महाकुंभ का अपमान नहीं था। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के बारे में जो कहा, वह किसी विशेष मुद्दे पर सवाल उठाने के लिए था।
कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी ने इस बयान के माध्यम से यह सवाल उठाया था कि कुंभ मेले में इतनी अधिक मौतें क्यों हुईं और क्यों कई बार भगदड़ जैसी घटनाएं सामने आईं। यह कोई अपमान या कुंभ के प्रति अनादर नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता पर सवाल उठाने का तरीका था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उद्देश्य सिर्फ सरकार की नीतियों और उनके कार्यों पर सवाल उठाना था, न कि किसी धार्मिक आयोजन का अपमान करना।
ममता बनर्जी के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने विरोध-प्रदर्शन किया। उनके इस विरोध-प्रदर्शन पर कुणाल घोष ने कहा कि उनके साथ 30 आदमी भी नहीं हैं। जब बंगाल में लोग कुंभ मेला में मर रहे थे और भाजपा सरकार बिना पोस्टमार्टम और डेथ सर्टिफिकेट के शवों को बंगाल भेज रही थी, तब सुकांत मजूमदार कहां थे? मजूमदार को सांसद रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए था, उस समय वह कहां थे?
पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी के बयान को हिंदू जनमानस का अपमान करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पवित्र महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहना हिंदू धर्म की सबसे प्रतिष्ठित परंपरा का अपमान है। यह तुष्टिकरण की राजनीति का एक स्पष्ट प्रयास है। वह खुले तौर पर दूसरों का पक्ष लेते हुए हिंदू त्योहारों को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़तीं।
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं का हवाला देते हुए महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस धार्मिक आयोजन में वीवीआईपी को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और सामान्य श्रद्धालु इन सुविधाओं से वंचित हैं।
–आईएएनएस
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