कोलकाता, 3 मई (आईएएनएस)। राजभवन की एक अस्थायी कर्मचारी द्वारा राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर ‘उसका शीलभंग करने’ का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया।
पूर्वी मिदनापुर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का नाम लिये बिना कहा, “आप गुरुवार की रात वहां मौजूद थे लेकिन आपने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। आपने संदेशखाली के बारे में काफी कुछ कहा। लेकिन मैंने वहां ऐसा कुछ नहीं होने दिया। वहां जमीन से जुड़े कुछ मसले जरूर हैं जिसे मेरे अधिकारियों ने हल कर दिया है। लेकिन आपने क्या किया है?”
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि गुरुवार को जो शिकायत सामने आई है, उन्हें उसी तरह की कई और शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा, “मुझे पहले भी ऐसी शिकायतें मिली थीं, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा। मैंने उस महिला के आंसू देखे हैं जिसने शिकायत दर्ज कराई है। इसका एक वीडियो मेरे पास आया है।”
गुरुवार को राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी ने पुलिस को दी गई एक लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि राज्यपाल ने उसका शीलभंग किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि राजभवन के पीस रूम में कार्यरत एक कर्मचारी राजभवन स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी के पास गई और आनंद बोस पर स्थायी नौकरी दिलाने के बहाने छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
बाद में उसने हरे स्ट्रीट थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके दायरे में राजभवन आता है।
दूसरी ओर, राज्यपाल ने आरोप को झूठा करार देते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से शिकायत दर्ज कराई गई है।
राज्यपाल के कार्यालय ने गुरुवार रात एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा, “सच्चाई की जीत होगी। मनगढंत कहानियों से मैं डरने वाला नहीं हूं। यदि कोई निहित चुनावी लाभ के लिए मेरी छवि खराब करना चाहता है तो भगवान उनका भला करे। लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को रोक नहीं सकते।”
संयोग से प्रधानमंत्री शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में थे, जहां उन्होंने तीन रैलियों को संबोधित किया।
–आईएएनएस
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