मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे
ADVERTISEMENT
मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जो भी फैसला होगा, वह उसका पालन करेंगे।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं मनोज जरांगे पाटिल से कहना चाहूंगा कि वह सीएम से खुद पूछ लें। अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनको मराठा समाज के लिए कोई निर्णय लेना था और उसमें मैंने अड़ंगा लगाया, उसी समय अपने पद से भी इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा। इस प्रकार की झूठी बातें फैलाने का कोई मतलब नहीं है। मराठा समाज के लिए किसी ने निर्णय लिया है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने लिया था या फिर शिंदे जी ने लिया है। मैं उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। मैं और मुख्यमंत्री साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा, “राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होती हैं। सभी मंत्री मुख्यमंत्री के अधीन काम करते हैं। एकनाथ शिंदे और मैं साथ काम करते हैं। उन्हें मेरा पूरा समर्थन है। जरांगे-पाटिल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा कोटा पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।”
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समुदाय के आरक्षण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जरांगे-पाटिल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि फडणवीस ने उनके लिए जाल बिछाया है और भाजपा तथा ओबीसी नेताओं की मदद ले रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला एक अधिनियम पारित कर चुकी है जो अब फैसले के लिए अदालत में लंबित है।
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला कानून लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “विपक्ष नहीं चाहता कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले। जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कोटा प्रदान किया था। मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस के विरोध की बात पूरी तरह से गलत है। जरांगे-पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जनता को लाभ पहुंचाने वाले सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये हैं।”