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Home राष्ट्रीय

मराठों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना तय, महाराष्ट्र सरकार ने आयोग की रिपोर्ट स्वीकार की

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February 20, 2024
in राष्ट्रीय
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मराठों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना तय, महाराष्ट्र सरकार ने आयोग की रिपोर्ट स्वीकार की
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मुंबई, 20 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटा पर एक आयोेग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और समुदाय को शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने वाले एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने यहाँ मंगलवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक आज दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा कोटा है।

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सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में एमएसबीसीसी ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी।

शिंदे सरकार मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित कर रही है जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे के लिए क्रांतिकारी हो सकता है। हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है – मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना – यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं।

–आईएएनएस

एकेजे/

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मुंबई, 20 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटा पर एक आयोेग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और समुदाय को शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने वाले एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने यहाँ मंगलवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक आज दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा कोटा है।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में एमएसबीसीसी ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी।

शिंदे सरकार मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित कर रही है जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे के लिए क्रांतिकारी हो सकता है। हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है – मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना – यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं।

–आईएएनएस

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मुंबई, 20 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटा पर एक आयोेग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और समुदाय को शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने वाले एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने यहाँ मंगलवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक आज दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा कोटा है।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में एमएसबीसीसी ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी।

शिंदे सरकार मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित कर रही है जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे के लिए क्रांतिकारी हो सकता है। हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है – मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना – यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं।

–आईएएनएस

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मुंबई, 20 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटा पर एक आयोेग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और समुदाय को शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने वाले एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने यहाँ मंगलवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक आज दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा कोटा है।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में एमएसबीसीसी ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी।

शिंदे सरकार मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित कर रही है जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे के लिए क्रांतिकारी हो सकता है। हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है – मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना – यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं।

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महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक आज दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा कोटा है।

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