नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना स्वयं को मल्टी-डोमेन युद्ध लड़ने के लिए तैयार व लगातार अपडेट कर रही है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मल्टी-डोमेन युद्ध लड़ने व इन युद्धों में जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना को और भी बड़ी उपलब्धियों तक ले जाने के लिए सभी कमांडरों की सामूहिक क्षमता और प्रतिबद्धता का आह्वान किया।
पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के कमांडर्स सम्मेलन के दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस वर्ष की थीम “भारतीय वायु सेना – सशक्त, सक्षम, आत्मनिर्भर” पर जोर दिया। बेहतर प्रशिक्षण और योजना के माध्यम से परिचालन क्षमता में वृद्धि, नए शामिल किए गए उपकरणों का शीघ्र संचालन, सुरक्षा और संरक्षा, तथा सभी स्तरों पर व्यक्तियों को सशक्त बनाकर नेतृत्व क्षमता का विकास करने की बात कही गई। यह कदम उठाने से भारतीय वायु सेना भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगी।
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना की पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के कमांडरों का दो दिवसीय सम्मेलन 6 और 7 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मुख्य अतिथि थे। रविवार को इस संदर्भ में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन के दौरान, वायु सेना प्रमुख ने डब्ल्यूएसी एओआर के कमांडरों के साथ बातचीत की। वायु सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में भारत और विदेश दोनों में एचएडीआर के लिए सबसे पहले तैयार रहने, उच्च परिचालन उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए ‘दुर्जेय लड़ाकू बल’ बने रहने तथा हमेशा ‘मिशन, अखंडता और उत्कृष्टता’ के आईएएफ के मूल मूल्यों को सर्वोपरि रखने के लिए डब्ल्यूएसी की सराहना की।
इससे पहले बीते माह नई दिल्ली में वायु सेना के कमांडरों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन (एएफसीसी) आयोजित किया गया था। तब वायु सेना कमांडरों द्वारा एयर फोर्स के परिचालन, प्रशासनिक और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसके अलावा यहां शीर्ष नेतृत्व ने तालमेल को बढ़ावा देने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थल सेनाध्यक्ष और नौसेना प्रमुख के साथ बातचीत की थी।
वायु सेना कमांडर्स के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल अनिल चौहान व रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भी शिरकत की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उभरती चुनौतियों से निपटने में भारतीय वायुसेना की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया था। उन्होंने कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से राष्ट्रीय लक्ष्यों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए क्षमता और क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को और अधिक कुशल व प्रभावी बनाने के साधनों पर विचार करने का आह्वान किया था।
एयर फोर्स कमांडरों के सम्मेलन में प्रमुख परिचालन, प्रशासनिक और रणनीतिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। शीर्ष नेतृत्व ने तालमेल को बढ़ावा देने के लिए सीडीएस, थल सेनाध्यक्ष और नौसेना स्टाफ के प्रमुख के साथ भी बातचीत की थी। यह सम्मेलन भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए मौजूदा चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
–आईएएनएस
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