नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। एलन मस्क की भारत यात्रा से पहले टेक अरबपति की उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को कथित तौर पर संचार मंत्रालय से अस्थायी मंजूरी मिल गई है।
रिपोर्टों के मुताबिक, अनुमोदन प्रक्रिया इस समय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के डेस्क पर है और कुछ सुरक्षा मुद्दों पर गृह मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि विदेशी निवेश और निवल मूल्य (नेट वर्थ) जैसे मुद्दों पर कॉमर्शियल पार्ट की जांच की गई है और लाइसेंसिंग शर्तों के अनुसार तकनीकी जरूरतों की जांच की गई है।
स्टारलिंक को वैष्णव से मंजूरी मिल जाने पर उसे सैटेलाइट (जीएमपीसीएस) सेवाओं द्वारा ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन लाइसेंस जारी किया जाएगा, जो देश में सैटेलाइट संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए जरूरी है।
मस्क ने पहले भी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का प्रयास किया था। नवीनतम प्रयास नवंबर 2022 में किया गया था, जब स्टारलिंक ने जीएमपीसीएस लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हालांकि, उचित लाइसेंस के बिना पूर्व-आदेशों पर सरकार के साथ असहमति के कारण देश में नियोजित उपग्रह संचार सेवा परीक्षणों को रद्द कर दिया गया।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दूरसंचार विधेयक 2023 पारित किया था, जो नीलामी में भाग लेने की जरूरत के बिना उपग्रह-आधारित सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की अनुमति देता है। यह कदम वनवेब, मस्क के स्टारलिंक और अमेजन के कुइपर जैसी कंपनियों के पक्ष में है।
पिछले हफ्ते, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए अपनी भारत यात्रा की पुष्टि की। उम्मीद है कि अपनी भारत यात्रा के दौरान वह कई बड़ी घोषणाएं करेंगे, जिसमें स्टारलिंक की लॉन्चिंग और देश में 2 से 3 अरब डॉलर के बीच निवेश शामिल है।
–आईएएनएस
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