महाकुंभ नगर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 13 जनवरी से अब तक 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आस्था के महापर्व महाकुंभ में कई शिविर भी लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ का पवेलियन, जो मेला क्षेत्र के सेक्टर-6 में स्थित है।
छत्तीसगढ़ के प्रवेश द्वार को गौर मुकुट का रूप दिया गया है। इस पवेलियन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को दर्शाया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही वे सेल्फी भी ले रहे हैं।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड में कार्यरत चंद्र घोष शर्मा ने बताया कि महाकुंभ मेले में उनकी स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है। वह यहां आने वाले श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बहुत सारी जगह घूमने लायक हैं, जिसमें चित्रकूट वॉटरफॉल शामिल है। इसके अलावा एक गांव है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट विलेज का अवॉर्ड मिला है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वह छत्तीसगढ़ जाएं और वहां की सुंदरता के बारे में जानें।
श्रद्धालु दिव्या सिंह ने बताया कि इस पवेलियन में छत्तीसगढ़ के बारे में, वहां की जनजातियों और हस्तशिल्प से संबंधित चीजों को दर्शाया गया है। यहां आकर काफी अच्छा लगा है।
विजय गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ का पवेलियन देखने लायक हैं। राज्य में जितने भी विकास कार्य हुए हैं, उसके काम की झलक पवेलियन में लगी प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में हुए काम के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने अपने राज्य में काफी काम किया है।
श्रद्धालु शकुंतला पटेल ने कहा कि महाकुंभ में आकर अच्छा लगा है और छत्तीसगढ़ में वहां की संस्कृति बहुत ही खूबसूरत तरीके से बताई गई है। मुझे यहां आकर काफी अच्छा लगा है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के पवेलियन के एंट्री गेट पर भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकूट में स्थित वॉटरफॉल की तस्वीर लगाई गई है। पवेलियन के अंदर एंट्री लेते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। प्रवेश द्वार की दाहिनी तरफ राज्य की चार इष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो है और उनकी जानकारी दी गई है।
–आईएएनएस
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