महाकुंभ नगर, 17 जनवरी (आईएएनएस)। संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में आज साधु-संतों की यात्रा निकाली। इस यात्रा में साधु-संत घोड़े और ऊंट की सवारी करते हुए नजर आए। साथ ही उन्होंने गीतों पर करतब भी पेश किए, जिसमें अलग-अलग अखाड़ों के संत यात्रा में शामिल हुए।
साधु-संतों की यात्रा में शामिल हुए श्री शंकराचार्य शिविर के प्रभारी श्रीधरानंद ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में चल रहा है। यहां आने वाला कोई भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा के साथ निवास करता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी होती हैं। आज जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में यात्रा निकाली गई है। इसमें 13 अखाड़े शामिल हैं और अग्नि अखाड़ा के द्वारा यात्रा का स्वागत किया जा रहा है।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में साधु-संतों की यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में चारों तरफ भगवा ही नजर आया। इसमें रुद्राक्ष वाले बाबा भी शामिल हुए। इसके अलावा नागा साधुओं ने भी यात्रा में शिरकत की।
संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। 144 साल बाद महाकुंभ आया है, इसके चलते हर कोई स्नान के लिए संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहा है।
संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 सोमवार से शुरू हो गया। महाकुंभ के दूसरे दिन मकर संक्रांति के मौके पर अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए दी थी। सीएम योगी ने बताया कि प्रथम अमृत स्नान के मौके पर मंगलवार को 3.50 करोड़ से अधिक संतों एवं श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
–आईएएनएस
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