नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हो रहे महाकुंभ मेला के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही हैं। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि महाकुंभ मेला 2025 के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें सूचनाएं प्रदान करने के लिए मंत्रालयों और अन्य संस्थाओं ने कई कदम उठाए हैं।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रयागराज में मेला क्षेत्र में एक ‘इन्क्रेडिबल इंडिया पवेलियन’ स्थापित किया है, जहां पर्यटकों, मीडिया, इन्फ्लुएंसर और विदेशियों को महाकुंभ से संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है। इसके अलावा, महाकुंभ के विभिन्न टूर पैकेजों, उड़ानों और आवास विकल्पों की जानकारी देने वाले डिजिटल ब्रोशर भी तैयार किए गए हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए एक समर्पित ‘महाकुंभ टूरिस्ट इंफोलाइन’ (1800111363) भी शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेला के प्रचार-प्रसार के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों के सोशल मीडिया हैंडल्स का भी उपयोग किया जा रहा है। यह उपाय न केवल देशवासियों, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी महाकुंभ मेला की जानकारी और आकर्षण से अवगत कराता है। महाकुंभ मेला 2025 के लिए 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, इसमें 3,000 विशेष ट्रेनों का भी समावेश है। इसके अलावा, प्रयागराज को अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट से जोड़ने वाली रिंग रेल सेवा भी शुरू की गई है, जो मेला अवधि के दौरान रोजाना चलती है।
शेखावत ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर-7 में एक सांस्कृतिक गांव ‘कलाग्राम’ स्थापित किया है, जो उत्तर मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा संचालित है। कलाग्राम में प्रमुख आकर्षणों में 635 फीट चौड़ा और 54 फीट ऊंचा मुख्य प्रवेश द्वार है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों और भगवान शिव द्वारा हलाहल का सेवन करने की कथा को प्रदर्शित करता है। इसमें 104 फीट चौड़ा और 72 फीट गहरा एक मंच भी है, जिसका विषय ‘चार धाम’ है। इसके अलावा, 14,632 कलाकार विभिन्न मंचों पर प्रस्तुति देंगे, और ‘अनुभूत मंडपम’ के माध्यम से गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी तक के अवतरण को 360 डिग्री इमर्सिव अनुभव के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि कलाग्राम में विभिन्न जोनल सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा सात्विक भोजन के अलावा प्रयागराज के स्थानीय व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं। इसके अलावा, संस्कृति आंगनों में 98 कारीगर पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प और हाथ से बने वस्त्रों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं। महाकुंभ मेले के दौरान, 1 फरवरी को 77 देशों के मिशन प्रमुखों सहित 118 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर महाकुंभ के विभिन्न मंचों पर 15,000 कलाकारों को शामिल कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि महाकुंभ मेला 2025 न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। सरकार का उद्देश्य है कि महाकुंभ के माध्यम से न केवल देशवासियों को धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया जाए, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया जाए।
–आईएएनएस
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