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महाकुंभ में श्रद्धालुओं को मिलेगी सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था : डीजीपी प्रशांत कुमार

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January 4, 2025
in राष्ट्रीय
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महाकुंभ में श्रद्धालुओं को मिलेगी सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था : डीजीपी प्रशांत कुमार
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महाकुंभ नगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)। धर्म और आस्था की संगम नगरी में महाकुंभ 2025 का आगाज होने जा रहा है। मेले की सुरक्षा व्यवस्था की लगातार शासन और प्रशासन स्तर पर निगरानी की जा रही है। महाकुंभ में पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेले का निरीक्षण कर आलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एएस/

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महाकुंभ नगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)। धर्म और आस्था की संगम नगरी में महाकुंभ 2025 का आगाज होने जा रहा है। मेले की सुरक्षा व्यवस्था की लगातार शासन और प्रशासन स्तर पर निगरानी की जा रही है। महाकुंभ में पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेले का निरीक्षण कर आलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

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महाकुंभ नगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)। धर्म और आस्था की संगम नगरी में महाकुंभ 2025 का आगाज होने जा रहा है। मेले की सुरक्षा व्यवस्था की लगातार शासन और प्रशासन स्तर पर निगरानी की जा रही है। महाकुंभ में पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेले का निरीक्षण कर आलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

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प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज शासन के निर्देश पर मेरे और गृह सचिव के द्वारा यहां सभी तैयारी का जायजा लिया गया। पिछले कुछ महीने से महाकुंभ की तैयारी शासन और जिला स्तर पर युद्ध स्तर की जा रही है। आज 4 तारीख हो गई और प्रथम मुख्य स्नान 13 जनवरी को संपन्न होगा उसके बाद से अन्य स्नान होंगे, जिसमें से तीन शाही स्नान होंगे।

“हम लोगों ने पाया की इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और मैनपावर में काफी अच्छा समन्वय है। अधिकारी इन चीज़ों को लागू कर रहे हैं। वह पूरी तरीके से कॉन्फिडेंट भी है और हमारी तैयारी भी पूर्ण हो चुकी है। इसको और कैसे बेहतर बनाया जाए, इसके बारे में हम प्रयास कर रहे हैं। ट्रैफिक नियमन के संबंध में नए उपकरण आने थे, फायर कंट्रोल के बारे में जो नए उपकरण आने थे, इस वर्ष शासन ने अन्य चीज़ों के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी तथा ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंध विशेष फंड जारी किए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की यहां कोई कठिनाई न हो। यह सभी इक्विपमेंट्स आ चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। ड्रोन भी काफी संख्या में हैं। पिछले कुंभ के मुकाबले हम लोगों ने घाट की संख्या तथा घाटों की क्षमता भी बढ़ाई है। श्रद्धालु स्नान करें और फिर एक निर्धारित रूट के साथ वहां से चले जाएं। रेलवे के साथ भी बहुत अच्छा हमारा समन्वय है और हम मुख्य स्नान के दिन थल, जल और नभ तीनों तरीके से सुरक्षा की व्यवस्था प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुनिश्चित कराएंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से सबसे अधिक संख्या में लोग इन दिनों के अंदर आएंगे। लगभग चालीस से पचास करोड़ की जनता और श्रद्धालु यहां लोग आएंगे, विदेशियों के भी आने की बहुत सारी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। गलत तरीके से बुकिंग करने जैसे मामलों में भी बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे साइबर इकोसिस्टम को कैसे और मजबूत किया जाए उसके लिए दक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई चल रही है। आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए भी एटीएस की महिला कमांडो टीम यहां पहुंच चुकी है। पैरा मिलिट्री के लोग भी पहुंच गए हैं। विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम है। वहां सभी विभाग के अधिकारी चाहे वो राज्य सरकार के हों या केंद्र सरकार के, वह मिलकर उन चीजों का विश्लेषण करते हैं। इसके अलावा जो धमकियां आती हैं उसको हम लोग बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।

प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले ही स्थानीय लोगों को बताया जा चुका है कि सात चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था इस बार कुंभ में है जो आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें अंतर्राज्यीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं भी शामिल हैं। पिछले कुंभ 2019 की तुलना में इस बार हम लोग 40 प्रतिशत अधिक फोर्स हम लोग यहां तैनात कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एएस/

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