नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर सोमवार से शुरू होने वाले महाकुंभ से भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक, इस महाकुंभ में 4 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का व्यापार हो सकता है। इससे देश की नॉमिनल और रियल जीडीपी एक प्रतिशत से भी अधिक बढ़ सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस आयोजन में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों को मिलाकर करीब 40 करोड़ पर्यटक आएंगे।
सरकार के अनुमान के मुताबिक, अगर 40 करोड़ पर्यटकों में से हर एक औसतन 5,000 रुपये खर्च करता है, तो महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हो सकता है।
इंडस्ट्री का अनुमान है कि इस मेगा इवेंट में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 10,000 रुपये तक हो सकता है और इस दौरान कुल 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हो सकता है।
भारत के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी 45-दिवसीय कार्यक्रम के दौरान अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए महाकुंभ में जगह बनाने की होड़ में हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) से लेकर फार्मा सेक्टर तक और मोबिलिटी प्रोवाइडर्स से लेकर डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म तक, कंपनियां महाकुंभ में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर सकती हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने महाकुंभ मेला 2025 में विभिन्न संरचनाओं के निर्माण के लिए लगभग 45,000 टन स्टील की आपूर्ति की है।
महारत्न कंपनी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए स्टील में चेकर्ड प्लेट, हॉट स्ट्रिप मिल प्लेट, माइल्ड स्टील प्लेट, एंगल और जोइस्ट शामिल हैं।
सनातन धर्म के अनुयायियों के सबसे बड़े समागम से पहले प्रयागराज में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। भव्य आध्यात्मिक समागम में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने के लिए 200 से अधिक सड़कों का निर्माण और अपग्रेड किया गया है। 3 लाख से अधिक पौधों से शहर की सड़कों का सौंदर्यीकरण किया गया है।
–आईएएनएस
एबीएस/