इंदौर, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचे जहां उन्होंने अपने अनुयायियों से मुलाकात की।
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ हिंदू संस्कृति का एक अनूठा पर्व है। भारतीय संस्कृति अति प्राचीन संस्कृति है। जब से मानव का अस्तित्व है, तब से सनातन संस्कृति है। सनातन संस्कृति का गौरव देखना हो तो एकमात्र स्थान महाकुंभ है।
उन्होंने कहा कि चार स्थानों पर इस तरह का आयोजन होता है। उज्जैन में उसे सिंहस्थ के नाम से जानते हैं, हरिद्वार में कुंभ के नाम से पुकारा जाता है तो वहीं प्रयागराज में से महाकुंभ के नाम से। इसमें 35-40 करोड़ तक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है और सभी मिलकर आध्यात्मिकता की अलख जगाते हैं। यूनेस्को ने इसे अमूल्य धरोहर घोषित किया हुआ है।
जूना पीठाधीश्वर ने कहा कि इससे विराट समागम नहीं हो सकता। मैं मालवा और मां अहिल्याबाई की धरती पर आया हूं। मैं उस नगर में आया हूं जो स्वच्छता के लिए जाना जाता है। भारत के लिए एक आदर्श नगर भी है। मैं सभी लोगों से कुंभ मेले में आने की अपील करता हूं।
मोहन भागवत के बयान को लेकर अवधेशानंद गिरी ने कहा कि मोहन भागवत हमारे आदर्श हैं। उन्होंने जो भी कहा है सभी का आदर करते हुए सभी की भावना का सम्मान करते हुए कहा है। देश में अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए और मोहन भागवत हिंदू समाज के रक्षक हैं। वह हिंदू समाज के लिए जी रहे हैं और सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया हैं। आरएसएस से प्रेरणा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकसित बना रहे हैं। यह आरएसएस से निकला विचार है और मैं उनके विचारों से में सहमत हूं।
–आईएएनएस
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