मुंबई, 8 नवंबर (आईएएनएस)। पूरे देश में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को यहां छात्रों को ‘प्रदूषण मुक्त’ दिवाली मनाने की शपथ दिलाई।
यह प्रतिज्ञा महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के ‘प्रदूषण मुक्त दिवाली संकल्प अभियान-2023’ के एक कार्यक्रम में ली गई।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। हालांकि बढ़ते प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए सभी तंत्र मौजूद हैं, लेकिन पर्यावरण-अनुकूल भूमिका निभाना और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करना सभी का कर्तव्य है।
शिंदे ने कहा, “पर्यावरण वर्तमान में दुनिया में एक गंभीर मुद्दा है, बढ़ते वैश्विक तापमान, वार्मिंग और इसके हानिकारक प्रभावों पर चर्चा पूरी मानवता के लिए चिंता का विषय है। इसलिए, हमारे लिए भी यह आवश्यक है कि हम अपने पर्यावरण को बचाने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाएं।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया है, हाल ही में स्वच्छ भारत अभियान जैसी अन्य गतिविधियों के माध्यम से बांस की खेती और पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण के लिए सब्सिडी दी है।
शिंदे ने बताया, “हालांकि, जब स्कूली छात्र किसी बात को दिल से लेते हैं, तो परिवार के बुजुर्ग और माता-पिता भी उसका पालन करते हैं। इसलिए, अगर छात्र प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का संकल्प लेते हैं, तो इसका प्रभाव निश्चित रूप से सभी पर पड़ेगा।”
शपथ समारोह में सीएम के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, मंत्री दीपक केसरकर, गिरीश महाजन, अतुल सावे, अब्दुल सत्तार, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, प्रमुख सचिव प्रवीण दराडे और रंजीतसिंह देयोल और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
अभियान के मकसद के बारे में बताते हुए, दराडे ने कहा कि व्यापक जागरूकता के माध्यम से हाल के वर्षों में पटाखे फोड़ने की मात्रा में कमी आई है, लेकिन वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए अभी भी स्कूली छात्रों और युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करने की तत्काल आवश्यकता है।
–आईएएनएस
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