सांगली (महाराष्ट्र), 9 जनवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने सांगली में ‘कैनिड’ जंगली कुत्तों के परिवार के लिए ‘अटपाडी संरक्षण रिजर्व’ के रूप में एक नया वन्यजीव निवास स्थान घोषित किया है, जो 9.48 वर्ग किलोमीटर में सबसे छोटा है।
हरे-भरे पश्चिमी महाराष्ट्र में नया रिजर्व क्षेत्र में भेड़ियों, सियार, लोमड़ियों और लकड़बग्घों के आवास के अलावा हिरण, सिवेट, खरगोश और अन्य स्तनधारियों के निवास स्थान को संरक्षित करने में मदद करेगा, जो इस क्षेत्र में बहुतायत में हैं।
अटपाडी संरक्षण रिजर्व पश्चिम में मैनी संरक्षण क्षेत्र को मधोक पक्षी अभयारण्य के साथ इसकी उत्तर-पूर्व सीमा से जोड़ने में मदद करता है, जो इसे वहां पनपने वाले वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बना देगा।
छोटे से नए अभयारण्य में समृद्ध वनस्पति और जीव-जंतु हैं, इनमें तीन प्रकार के वन शामिल हैं – अर्ध-सदाबहार, नम पर्णपाती और शुष्क पर्णपाती, इसमें पेड़ों की 35 प्रजातियां, झाड़ियों की 15 प्रजातियां, बेलों की 14 प्रजातियां, जड़ी-बूटियों की 116 प्रजातियां और एक परजीवी पौधा है।
माननीय वन्यजीव वार्डन रोहन भाटे ने कहा कि नए रिजर्व में एक महत्वपूर्ण चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र शामिल है, इसमें देश के सभी चार कैंड (लकड़बग्घा, भेड़िया, सियार और लोमड़ी) रहते हैं।
भाटे ने कहा, ”इससे वन्यजीव गलियारों और इन कैंडों के क्षेत्रों के साथ-साथ क्षेत्रों में रहने वाले अन्य बड़े और छोटे स्तनधारियों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। सांगली के संरक्षक दिवंगत अजीत पाटिल (पापा पाटिल) और एपीसीसीएफ वेस्टर्न वाइल्डलाइफ (मुंबई) डॉ. वी.सी. बेन के अथक प्रयास सफल हुए हैं।”
अटपाडी कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव डॉ. वी.सी. द्वारा शुरू किया गया था। बेन, और लगातार अनुवर्ती कार्रवाई के बाद, नए वन्यजीव आवास की घोषणा की गई है, इससे राज्य में प्रकृति प्रेमियों को खुशी हुई है।
दिवंगत पापा पाटिल, पक्षी विज्ञानी शरद आप्टे और अन्य शिक्षाविदों, प्रकृति प्रेमियों, ग्रामीणों और स्थानीय विधायक अनिल के. बाबर जैसे अन्य विशेषज्ञों ने अपने इनपुट दिए और सभी स्तरों पर राज्य सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया।
–आईएएनएस
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