नासिक, 20 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग एवं कृषि (एमएसीसीआईए) ने मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में तुर्की और अजरबैजान के साथ भविष्य में किसी प्रकार का कोई व्यापार नहीं करने का फैसला लिया है।
एमएसीसीआईए की ओर से यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के बाद लिया गया है।
एमएसीसीआईए के उपाध्यक्ष उत्तर महाराष्ट्र, अविनाश सोनावने ने कहा कि तुर्की से हम सेब का आयात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण अब वहां से सेब का आयात बंद कर दिया गया है। हमारे पास इसके लिए कश्मीर और अमेरिका के सेब जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ड्राई फ्रूट के बिजनेस को भी पूरी तरह से रोक दिया गया है। साथ ही कहा, हमारी कोशिश है कि महाराष्ट्र की किसी दुकान पर तुर्की और अजरबैजान का सामान न बिके।
वहीं, एमएसीसीआईए के एक अन्य सदस्य ने कहा कि पाकिस्तान ने आंतकियों के जरिए जैसे आम लोगों को निशाना बनाया। वह निंदनीय है। हम लोग करीब 20,000 करोड़ रुपए के उत्पाद तुर्की और अजरबैजान से मंगाते हैं।
पाकिस्तान को समर्थन के बाद भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की गई है।
वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केवल 36 घंटों के भीतर, वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से आने वाले यात्रियों ने तुर्की जाने के लिए आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर 2 शहरों से आने वाले यात्रियों की रुचि अधिक मजबूत रही, जो केवल 20 प्रतिशत कम रही।
एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने कहा, “प्रतिक्रिया तीव्र और व्यवहारिक थी। लोगों को कुछ गंतव्यों से बचने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी। वे सहज ज्ञान, जानकारी और विकल्पों तक पहुंच के आधार पर आगे बढ़े। यह मॉडर्न ट्रैवल को दिखाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “इसी भावना में हमने भारत के साथ खड़े होकर और राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुटता दिखाते हुए तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को भी रोक दिया।”
–आईएएनएस
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