नांदेड, 20 सितंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नांदेड जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। फसलों और पशुधन को हुए व्यापक नुकसान का जायजा लेने के लिए राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने शनिवार को जिले के अर्धापूर तालुका के महादेव पिंपलगांव का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और किसानों से उनकी समस्याओं पर चर्चा की।
पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र के कई हिस्सों, विशेष रूप से नांदेड जिले में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, जिले में लगभग 7 लाख 74 हजार किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, 16 लाख 21 हजार एकड़ से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है। सोयाबीन, कपास और अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई किसानों ने पशुधन के नुकसान की भी शिकायत की है।
महादेव पिंपलगांव में किसानों ने कृषि मंत्री के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त कीं।
उन्होंने बताया कि बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा, ई-फसल निरीक्षण प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतों और समय सीमा को लेकर भी शिकायतें सामने आईं। किसानों ने मांग की कि नुकसान के आकलन में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा, “हम किसानों के साथ खड़े हैं। नुकसान का आकलन तेजी से किया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द राहत प्रदान की जाएगी।”
ई-फसल निरीक्षण में आ रही समस्याओं को देखते हुए सरकार ने समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। भरणे ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में और दिक्कतें आती हैं तो समय सीमा को और बढ़ाया जाएगा।
मंत्री दत्तात्रय भरणे ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि नुकसान के आकलन में कोई कोताही न बरती जाए और किसानों को उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से भी राज्य के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग करने की बात कही।
नांदेड के किसानों का कहना है कि बारिश ने उनकी आजीविका पर गहरा असर डाला है। कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी और अब फसल बर्बाद होने से वे भारी कर्ज के बोझ तले दब गए हैं।
स्थानीय किसान संगठनों ने सरकार से तत्काल राहत और कर्ज माफी की मांग की है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नुकसान के सटीक आकलन के लिए टीमें लगातार सर्वेक्षण कर रही हैं। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे नुकसान की जानकारी जल्द से जल्द ई-फसल पोर्टल पर दर्ज करें ताकि मुआवजे की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
— आईएएनएस
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