नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि नए संशोधित कानूनों के दुरुपयोग के कारण हजारों अवैध विदेशी नागरिकों, खासकर बांग्लादेशी मुसलमानों ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवा लिए हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में सोमैया ने दावा किया कि 2024 में केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया और न्यायिक मजिस्ट्रेटों के पास पहले मौजूद अधिकार तहसीलदारों को दे दिए। इसके बाद देश भर में एक बड़ा घोटाला शुरू हो गया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 2,24,000 लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की मंजूरी दी गई। जांच में पाया गया कि उनमें से 97 प्रतिशत बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम थे, जिनकी उम्र 25, 30, 40 और 50 साल थी और उनके पास महाराष्ट्र या भारत में जन्म का कोई प्रमाण नहीं था।
सोमाय्या के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में अब तक 28 एफआईआर दर्ज की हैं और 2 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है। आने वाले महीनों में 3 हजार और लोगों को गिरफ्तार करने की योजना है। उन्होंने कहा कि यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने अनियमितताओं की जांच के बाद, इन फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर जारी किए गए हजारों आधार कार्ड रद्द कर दिए हैं।
सोमैया ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या आप्रवासियों की मौजूदगी पर भी चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि जिनके पास वैध दस्तावेज या भारतीय नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं है, उन्हें देश से वापस भेज दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उन 47 हजार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिनके जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बिना किसी सत्यापन के जारी किए गए थे। ये लोग बांग्लादेश के रहने वाले हैं या रोहिंग्या हैं और इन्हें तुरंत वापस भेज देना चाहिए।
उन्होंने मालेगांव का उदाहरण दिया, जहां अधिकारियों ने आवश्यक दस्तावेजों के अभाव में 3,977 लोगों की जन्म प्रविष्टियां रद्द कर दीं। सोमैया ने कहा कि मालेगांव में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं और 539 लोगों को अदालत में पेश किया गया है। इनमें 28 सरकारी अधिकारी और कई एजेंट शामिल हैं। 1,539 लोगों के खिलाफ जांच जारी है।
संभाजीनगर में 800 लोगों के खिलाफ शिकायतें मिलीं और 140 लोगों को पहले ही कोर्ट में पेश किया जा चुका है। सोमैया ने कहा कि यह घोटाला अब मुंबई तक फैल गया है, खासकर माकुर्ध इलाके में।
उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार और जिला अधिकारी ने केवल तीन लोगों के निवास प्रमाण पत्र को मंजूरी दी थी, लेकिन एक भ्रष्ट बीएमसी अधिकारी ने 106 लोगों को दस्तावेज जारी कर दिए।
उन्होंने कहा कि 2024 में सख्त कार्रवाई के कारण 2025 में जन्म प्रमाण पत्र के आवेदनों की संख्या 2,24,000 से घटकर लगभग 2 हजार रह गई।
महाराष्ट्र के इस मामले से निपटने के तरीके की प्रशंसा करते हुए सोमैया ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि महाराष्ट्र ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है। ठीक वैसे ही जैसे 47 हजार धोखाधड़ी के मामले।
राजनीतिक निशाना साधते हुए, सोमाय्या ने देवेंद्र फडणवीस की कल्याणकारी योजनाओं की तुलना उद्धव ठाकरे के उन कार्यक्रमों से की, जिन पर उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
किरीट सोमैया ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी योजनाएं अपने और अपने लोगों के लिए पैसे लूटने की थीं। वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने ‘लाडली बहनों’ को पैसा देने की योजना बनाई।
–आईएएनएस
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