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महाराष्ट्र में सिमटती गई कांग्रेस, भाजपा का हर चुनाव में बढ़ता गया कद

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November 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

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1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

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1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

–आईएएनएस

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1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीते कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं। इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ ने प्रचंड जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है।

1990 के दशक के मध्य में, कांग्रेस और भाजपा राज्य की दो प्रमुख पार्टियां थी, जिन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में करीब 150 सीटें जीती थी। जबकि, तत्कालीन राकांपा और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों के पास भी अच्छा वोट शेयर था।

हालांकि, समय बीतने के साथ कांग्रेस की सीटें कम होती गईं, जबकि भाजपा की सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। कांग्रेस ने भाजपा पर मामूली बढ़त बनाए रखी। सबसे पहले साल 1995 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आई थी। वहीं, भाजपा को 65 सीटों पर जीत मिली थी।

साल 1999 में कांग्रेस को 75 और भाजपा को 56 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा साल 2004 में कांग्रेस को 69 और भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली। 2009 में कांग्रेस को 82 और भाजपा को 46 सीटें मिली थी।

खास बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसका सीधा असर देखने को मिला। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 122 पर जीत हासिल करने में सफलता पाई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी के खाते में महज 42 सीटें आई।

साल 2014 के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 से अधिक सीटें जीतती आई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें प्राप्त हुई। वहीं, कांग्रेस को 44 सीटें पर सिमटना पड़ा।

हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा के खाते में 132 सीटें आई। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ। कांग्रेस को महज 16 सीटों पर ही जीत मिली।

इस बार के विधानसभा चुनाव में देश की दो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती। जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली। जबकि, महाराष्ट्र की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शरद पवार के सारे दांव-पेंच फ्लॉप हो गए। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी।

कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के हर नतीजे भाजपा के लिए बड़ी सौगात लेकर आते रहे हैं। हर चुनाव में भाजपा ने कहीं ना कहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी और इस बार महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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