मुंबई, 3 अगस्त (आईएएनएस)। दिग्गज कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई की आत्महत्या का मुद्दा गुरुवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में प्रमुखता से उठा और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने घोषणा की कि घटना की जांच की जाएगी।
कई विधायकों ने देसाई के निधन का मुद्दा उठाया। उन्होंने देसाइर् पर आए वित्तीय संकट को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया और उनके रायगढ़ स्थित संकटग्रस्त एन.डी. आर्ट वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड स्टूडियो कॉम्प्लेक्स को बचाने की जरूरत का मुद्दा उठाया।
भाजपा के मुंबई प्रमुख आशीष शेलार ने कहा, “संदिग्ध धन-उधार प्रथाओं की जांच करने की तत्काल जरूरत है… आरोप राशेष शाह और उनकी कंपनी पर लगाए गए हैं। हम मांग करते हैं कि ब्याज वसूलने के तरीकों और ऋणों की वसूली की गहन जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाना चाहिए।”
कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने सरकार से देसाई के स्टूडियो को अपने कब्जे में लेने और सभी संबंधित लोगों के हितों की रक्षा करने का आह्वान किया, और अन्य सदस्यों ने मामले की गहराई से जांच के लिए एसआईटी की मांग की।
उन्होंने कहा, “सरकार को स्टूडियो की नीलामी नहीं करनी चाहिए, बल्कि इसे उनकी उपलब्धियों, कड़ी मेहनत और तपस्या के लिए एक उचित श्रद्धांजलि के रूप में अधिग्रहित करना चाहिए, जिसने फिल्म उद्योग में अपनी अनूठी जगह बनाई। बताया गया है कि उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले कुछ ऑडियो क्लिप रिकॉर्ड किए थे। कर्ज की रकम वसूलने के लिए उन्हें किसी ने धमकी तो नहीं दी थी, इस पर सरकार को सच्चाई स्पष्ट करनी चाहिए।”
भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड ने कहा कि कथित ‘आत्महत्या संदेश’ के ऑडियो टेप की भी जांच की जानी चाहिए, जिसमें देसाई ने उल्लेख किया था कि एक हिंदी फिल्म अभिनेता के साथ विवाद और अन्य चीजों के कारण उन्हें काम मिलना बंद हो गया था।
फड़नवीस गृहमंत्री भी हैं, उन्होंने आश्वासन दिया कि देसाई की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, “जिस निजी ऋण देने वाली कंपनी से देसाई ने ऋण लिया था, उसकी भूमिका की जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उनसे उच्च ब्याज लिया जा रहा था और क्या वह किसी तनाव में थे।”
जहां तक 52 एकड़ के स्टूडियो के भाग्य का सवाल है, उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी पहलुओं की जांच करेगी कि क्या इसे संरक्षित किया जा सकता है या राज्य सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण किया जा सकता है।
देसाई ने एडलवाइस ग्रुप द्वारा प्रवर्तित ईसीएल फाइनेंस लिमिटेड से 2016-2018 के बीच 181 करोड़ रुपये उधार लिए थे, और पुनर्भुगतान की परेशानी 2019 के अंत के आसपास शुरू हुई, और अगले साल विभिन्न कारणों से जटिल हो गई, जिसमें कोविड -19 महामारी लॉकडाउन भी शामिल था, जिसने मनोरंजन उद्योग को तहस-नहस कर दिया।
अगले तीन वर्षों में ऋण राशि, ब्याज और अन्य बकाया राशि बढ़कर 250 करोड़ रुपये से अधिक हो गई और पिछले महीने (जुलाई) में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया शुरू करने की याचिका स्वीकार कर ली थी।
बमुश्किल एक हफ्ते बाद 2 अगस्त की सुबह देसाई का शव रायगढ़ में उनके स्टूडियो के एक सेट पर लटका हुआ पाया गया, जिससे बॉलीवुड और राजनीतिक हलकों में सनसनी फैल गई। उनके एक करीबी पारिवारिक मित्र के अनुसार, देसाई का अंतिम संस्कार उनके बेटे और दो बेटियों के अमेरिका से भारत पहुंचने के बाद शुक्रवार दोपहर को उनके स्टूडियो में हेलीपैड के पास किया जाएगा।
–आईएएनएस
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