पन्ना. मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल पन्ना में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीलम पटेल ने जानकारी देते हुए बतलाया कि महिलाओं में खून की कमी गर्भधारण के दौरान ज्यादा बनती है. महिलाओं को खून की कमी से यदि बचाना है तो उनके परिवार के लोगों को सबसे पहले चाहिए कि गर्भधारण के दौरान महिला के साथ किसी भी प्रकार का कलह संबंधी व्यवहार ना करें, हमेशा गर्भवती महिला को प्रसन्न रखने का प्रयास करें.
इसके साथ ही स्त्री रोग डॉक्टर नीलम पटेल ने यह भी बताया कि जैसे ही गर्भधारण महिला करती है उसे आयरन फोलिक एसिड दवा का सेवन करना चाहिए. इसके साथ ही विषय विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेते रहना चाहिए. साथ ही घर पर गुड़ चना मूंगफली, पत्तेदार हरि सब्जी का नियमित सेवन करना चाहिए . इसके साथ ही छुहारा दाख (किशमिश) को दूध में डालकर नियमित सेवन करने से गर्भ में रहने वाला बच्चा जहां स्वस्थ रहता है, वही गर्भवती महिला की खून की मात्रा अच्छी बनी रहती है.
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स्त्री रोग डॉक्टर नीलम पटेल ने बताया कि कम उम्र में गर्भधारण करना एवं अधिक उम्र में गर्भधारण करना दोनों महिलाओं के लिए घातक होता है , इससे महिलाओं को खून की कमी के साथ ही कई गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ता . इसलिए जो उचित समय अवधि है उस अवधि में गर्भ धारण करें और विषय विशेषज्ञ महिला डॉक्टर की सलाह से खानपान तथा दवा का सेवन करें. स्त्री रोग डॉक्टर नीलम पटेल ने यह भी कहा कि गर्भपात की गोलियां जो लोग बिना स्त्री रोग डॉक्टर के परामर्श के लेते हैं ऐसी महिलाओं को भी कई बार हाई ब्लीडिंग होने के कारण जान भी चली जाती है और कई बार खून की भारी कमी बन जाती है.
इसलिए गर्भपात के लिए डायरेक्ट कभी भी मेडिकल से दवा नहीं खरीदें . गर्भपात की दवा खाने से पहले विषय विशेषज्ञ स्त्री रोग डॉक्टर का परामर्श जरूर प्राप्त करें , इसके बाद ही किसी भी प्रकार की दवा का सेवन गर्भपात के लिए महिलाओं को करने दे. डॉक्टर नीलम पटेल ने कहा कि सोमवार से शनिवार के बीच हॉस्पिटल में सुबह से दोपहर 2ः00 तक महिलाएं किसी भी समय संपर्क कर सकते हैं उनको उचित सुझाव हमेशा प्राप्त होगा.