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महेंद्रगढ़ में खनन के खिलाफ ग्रामीण लामबंद, करेंगे आंदोलन

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September 8, 2024
in राष्ट्रीय
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महेंद्रगढ़ में खनन के खिलाफ ग्रामीण लामबंद, करेंगे आंदोलन
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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

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वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

–आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

–आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

–आईएएनएस

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

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पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

–आईएएनएस

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

–आईएएनएस

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महेंद्रगढ़, 8 सितंबर (आईएएनएस)। महेंद्रगढ़ जिले के राजावास गांव के लोगों ने खनन के खिलाफ रविवार को पंचायत की। अरावली पहाड़ी से सटे इस गांव के लोगों का कहना है कि सरकार यहां पर खनन का कार्य शुरू कराने जा रही है, इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी।

पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर यहां पर खनन शुरू नहीं होने देंगे। अगर फिर भी प्रशासन द्वारा खनन करवाई जाती है, तो इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। ग्रामीणों ने कहा, ‘खनन’ शुरू होने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। इससे काफी समस्या पैदा होगी।

वहीं, ग्रामीणों ने पंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली से अरावली के लिए काम कर रही संस्था पीपुल फॉर अरावली से जुड़े लोगों को भी बुलाया।संस्था ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह उनके साथ है।

गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि गांव में खनन शुरू होने जा रही है। इसका असर पूरे गांव पर होगा। हालांकि अभी खनन के लिए साइट अलॉट नहीं हुई है। लेकिन,संभावना है कि आगे हो सकती है। लेकिन, हम खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में खनन के लिए साइट अलॉट हुई थी। उस समय खनन होने से घरों में दरारें आ गई थीं।

पीपल फॉर अरावली की संस्थापक नीलम ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वह यहां आई हैं। अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र भी लिखा है। प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई दूसरा विकल्प निकालें। क्योंकि, बिल्डिंग और रोड बनाने के लिए अरावली को खत्म नहीं कर सकते हैं। गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने कहा, अगर सरकार खनन की अनुमति देती है, तो यह गलत है, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।

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