नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। आईएसओ (इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन) और आईईसी (इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन) जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ भारतीय मानकों के सामंजस्य के साथ भारतीय निर्माताओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपना माल निर्यात करना सुविधाजनक हो गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, दरअसल, कई क्षेत्रों में भारत अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अग्रणी है।
प्रमुख विकास और भारतीय मानकों के सामंजस्य की दिशा में प्रयासों के परिणामों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा : व्यापार के कई क्षेत्रों में यह महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाए, उदाहरण के लिए, दुनिया भर में माल के परिवहन के लिए कंटेनरों का उपयोग किया जाता है। एक बड़ी संख्या। भारतीय संस्थाओं द्वारा भी कंटेनरों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भारत में कंटेनरों का निर्माण नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा : इसके अलावा, कंटेनर, जब वे देश भर में चलते हैं, तो उन्हें कुछ अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें दुनिया में कहीं भी जांचा या परीक्षण किया जा सकता है। बीआईएस ने इस क्षेत्र में मानक तैयार किए हैं और लाइसेंस भी दिए गए हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमारे पास स्वदेशी रूप से निर्मित और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले कंटेनर होंगे।
सामंजस्यपूर्ण मानकों के अन्य उद्योगों पर प्रभाव के सवाल पर तिवारी ने कहा : हर कोई भारतीय खिलौने उद्योग की सफलता की कहानी जानता है। 1 जनवरी, 2021 से खिलौनों के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य कर दिया गया था और इसका उद्योग पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आगे, मोबाइल फोन, हेलमेट आदि के लिए भी बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य कर दिया गया है और ये ऐसे उत्पाद हैं जिनका उपयोग सभी कर रहे हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इन उत्पादों को उपभोक्ता सुरक्षा के लिए मानकीकृत किया जाए।
मानकों के विकास पर अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि में भारत की भागीदारी पर उन्होंने कहा कि भारत एक सुरक्षित दुनिया के लिए विकासशील मानकों के क्षेत्र में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहा है।
–आईएएनएस
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