जयपुर, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। पूर्व सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे कर्नल (सेवानिवृत्त) मानवेंद्र सिंह छह साल के अंतराल के बाद आज फिर से पार्टी में शामिल होंगे।
पार्टी के पदाधिकारियोें ने बताया कि शुक्रवार को बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में मानवेंद्र सिंह दोबारा भाजपा में शामिल होंगे।
मानवेंद्र सिंह अपना पहला चुनाव 1999 में भाजपा के टिकट पर लड़े, लेकिन वह कांग्रेस नेता कर्नल (सेवानिवृत्त) सोनाराम चौधरी से हार गए। 2004 में पासा पलटा और मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता।
2013 में, उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता और शेओ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने।
2014 में, भाजपा ने जसवंत सिंह को टिकट देने से इनकार कर दिया। इस पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गए।
इसके बाद, मानवेंद्र सिंह ने विद्रोह कर दिया। इसके कारण उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया। बाद में वह 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
2019 में वह एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और हार गए।
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें सिवाना से मैदान में उतारा। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी सहयोगी, कांग्रेस नेता सुनील परिहार ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसका नतीजा यह हुआ कि मानवेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा।
सुनील परिहार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मानवेंद्र सिंह निराश हो गए और उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी जीत को लेकर भाजपा आश्वस्त है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने कहा,’ हम इस सीट को जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है। 2014 में भी बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला था, फिर भी हम जीते। इस बार भी कुछ अलग नहीं है और हम यह सीट जीतेंगे।”
–आईएएनएस
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