नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में मिसाइल व गोला बारूद से लैस, बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल और गोला बारूद से लैस नौका ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ का जलावतरण 20 नवंबर को किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद लाने, ले जाने में किया जाएगा।
इस नौका की विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
बार्ज, एलएसएएम 10 (यार्ड 78) का जलावतरण 20 नवंबर को आंध्र प्रदेश में गुट्टेनादेवी, पूर्वी गोदावरी से किया गया। इस मौके पर कमोडोर शनमुगम सबेसन, सीआरओ (पूर्व) मौजूद रहे। मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन बार्ज नौकाओं की उपलब्धता परिवहन, आवश्यक सामान को लाने-ले जाने और चढ़ाने-उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन गतिविधियों को तेजी प्रदान करेगी। समुद्र तट के पास तथा बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय जहाजों के गोला-बारूद की आपूर्ति भी इससे सुनिश्चित की हो सकेगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये नौकाएं नौसेना नियमों के लिए प्रासंगिक और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।