पटना, 25 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा में 24 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष पर जमकर बरसे। वेल में जाकर विरोध कर रहे विपक्षी खेमे की महिला सदस्य पर टिप्पणी की। उनको राजद की मंशा को लेकर सचेत रहने की नसीहत दी। सीएम की इस नाराजगी पर महिला विधायक रेखा पासवान ने प्रतिक्रिया दी तो वहीं इंडी अलायंस के विरोध को भाजपा विधायक ने मुद्दा विहिन प्रदर्शन करार दिया।
रेखा पासवान ने कहा कि हम लोग विधानसभा में आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हम मांग कर रहे थे कि आरक्षण को 9वीं अनुसूची में क्यों हटाया गया? गठबंधन के सभी विधायक प्रदर्शन कर रहे थे। इतने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में भड़क उठे।
आगे बोलीं, हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं हुआ कि वह एक महिला पर वह इतना गुस्सा हो जाएंगे। ऐसा लगा कि हमारी आवाज को दबाने के लिए सदन में इस तरह से मुख्यमंत्री बोल रहे हैं।
रेखा ने कटाक्ष किया कि शायद वो किसी और बात की खुन्नस निकाल रहे थे। राजद विधायक ने कहा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है। वह शायद इससे काफी गुस्से में हैं और इसलिए कहीं का गुस्सा कहीं निकाल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र हो गई है। वह क्या बोलते हैं शायद उन्हें भी पता नहीं होता है।
विधायक पासवान ने नीतीश कुमार के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि महिला हो और तुम समझती नहीं हो। इन लोगों ने महिलाओं को कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। राजद के समय महिलाओं को कभी बोलने की इजाजत नहीं थी। 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया है।
विधायक ने आगे कहा, वह कहते हैं वह हमें लाए हैं, हमें नीतीश कुमार नहीं लाए हैं। हम लोग जितने भी आरक्षण से आए हैं। भीमराव अंबेडकर की देन है कि आरक्षण से विधायक बने हैं। हमारे पर कृपा नीतीश कुमार की नहीं, बल्कि लालू यादव, तेजस्वी यादव की है कि हम विधायक हैं। सभी ने देखा है कि किस तरह से सीएम ने हमें जलील किया है। वह कहते हैं हम महिला को सम्मान देते है, लेकिन, सम्मान के नाम पर वह इस तरह से अपमान करते हैं।
दूसरी ओर, विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा देश में 60 साल तक इनकी सरकार रही। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 10 साल तक प्रधानमंत्री थे। लेकिन, वह बिहार नहीं आए। अब जब बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खजाना खोल दिया है तो उन्हें अब काला पट्टी बांधकर प्रदर्शन करना है। यहां कानून व्यवस्था का राज है, जो कानून का पालन नहीं करेगा, उसे सबक सिखाया जाएगा। बिना मुद्दे के विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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