भोपाल, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी मुश्किल में पड़ सकते हैं क्योंकि उन पर विधानसभा में गलत तथ्यों के आधार पर जानकारी देने का आरोप लगा है।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी के आधार पर दावा किया था कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री निवास सहित अन्य स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में करोड़ों रुपए खर्च किया है, इसमें से कई कार्यक्रम भाजपा के दफ्तर में भी आयोजित किए गए थे। पटवारी के इस दावे को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में बहस के दौरान नकारा था।
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि पटवारी ने सदन में जवाब दिया, यह जवाब दो हिस्सों में था, जो कॉपी लहराई वह परिषिष्ट अ था, वही परिशिष्ट ब में जो जिक्र था उसका ब्यौरा नहीं दिया। उसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि उसका भुगतान भाजपा के द्वारा किया गया है। यह जवाब तब का है जब जीतू पटवारी मंत्री थे, उनकी (कांग्रेस) सरकार थी, तब का यह प्रश्न है तब की प्रश्नोत्तरी है। उन्होंने अपनी सरकार से भाजपा को बदनाम करने के लिए लिए उत्तर उस समय का दिलवाया। क्योंकि 131 करोड़ का जनसंपर्क घोटाला उनकी सरकार के काल में हुआ था।
मिश्रा ने कहा है कि पटवारी ने झूठ बोलकर भाजपा को बदनाम करने और इसके लिए सदन का उपयोग करने को लेकर पार्टी के विधायक प्रश्न और संदर्भ समिति में शिकायत करेंगे। पार्टी अलग विचार करेगी। उन्हंे अब छोड़ा नहीं जाएगा।
पटवारी ने विधानसभा में यहां तक कहा था कि अगर उनके द्वारा दी गई जानकारी गलत हो तो उनकी सदस्यता निरस्त कर दी जाए।
पटवारी ने विधानसभा में उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर आरोप लगाया है कि यह सरकार जनता के पैसे की फिजूलखर्ची कर रही है। कर्ज लेकर घी पीने जैसी स्थिति हो गई है सरकार की। चाय 10 रुपये से 100 रुपये तक की होगी यह कल्पना की जा सकती है, मगर राज्य की शिवराज सरकार ने भाजपा कार्यालय में चार सौ रुपये प्रति कप की दर से चाय पिलाई है।
–आईएएनएस
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