रीवा देशबन्धु. भूमाफियाओं ने कुछ इस तरह का कारनामा करके दिखा दिया जिसमें मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी व्यक्ति को खड़ा करके करोड़ों की जमीन का सौदा कर डाला. हैरानी की बात तो यह रही की असली उत्तराधिकारी स्वर्गीय हो चुके अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र साहित अन्य दस्तावेज लेकर जब प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा तो उसके आवेदन को ही खारिज कर दिया.
फिलहाल इस मामले की शिकायत होने के बाद अब एसडीएम रीवा के द्वारा एक जांच दल गठित कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक आगरा में रहने वाले शिवाजी सिंह की 30 एकड़ भूमि रतहरा में थी. यह भूमि 1972 में शिवाजी के द्वारा खरीदी गई थी जिसके संपूर्ण दस्तावेज मौजूद है.
बताया गया कि शिवाजी के मौत हो जाने के बाद जब उनके परिवारजानों को पता चला कि उनकी जमीन पर कब्जा हो रहा है तो वह रीवा पहुंचे और देखा की 30 एकड़ जमीन को नकली शिवाजी बनकर उक्त जमीन बेची जा रही है .फरियादी द्वारा इस बात की शिकायत जब प्रशासनिक अधिकारियों से की गई तो उन्होंने आवेदन को खारिज कर दिया और मामला न्यायालय में जा पहुंचा.
बताया जा रहा है कि जो कथित शिवाजी सिंह सामने आया है उसका वास्तविक नाम दिग्विजय सिंह है और वह अयोध्या का निवासी है जिसे रीवा के भूमाफियाओं ने बुलाकर बड़ा घोटाला कर डाला. इस पूरी घटना को लेकर अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि भूमाफियाओं ने कथित शिवाजी का फर्जी आधार बनवाया और जमीन की बिक्री कर दी.
इस बात की शिकायत एसडीएम कार्यालय में होने के बाद अब जमीन में स्थगन आदेश जारी किया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. दरअसल कथित शिवाजी के द्वारा 80 लोगों को जमीन बेची गई है, जिसके पीछे रीवा के कई बड़े भू माफियाओं के शामिल होने की बात कही गई है.