नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) योजना के 10 साल पूरे होने का समारोह 7 और 8 नवंबर को मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। इस संबंध में मेजर जनरल पी.के. सहगल ने कहा कि यह पीएम मोदी की ओर से एक बड़ा इशारा है, खासकर तब जब इस मांग को पूरा करने के लिए 40 साल से अधिक समय तक संघर्ष किया गया।
मेजर जनरल सहगल ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि 1973 से पहले सैन्य कर्मियों को मूल वेतन का 70 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था, जबकि आम नागरिकों को केवल 30 प्रतिशत मिलता था। हालांकि, 1973 में इंदिरा गांधी ने रक्षा बलों के लिए पेंशन को 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया और नागरिकों के लिए 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा, उन्हें पूर्ण पेंशन के लिए 33 साल की सेवा की आवश्यकता थी, जबकि अधिकांश सैनिक 15 साल की सेवा के बाद रिटायर हो जाते थे, जिससे उनकी पेंशन 40 प्रतिशत कम हो गई, जो अत्यंत अन्यायपूर्ण था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के चुनावों से पहले रेवाड़ी में एक रैली के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि वह चुने जाते हैं, तो ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की योजना लागू करेंगे। साल 2015 में, जब उन्होंने सियाचिन में दिवाली मनाई, तो उन्होंने फिर से इस योजना का जिक्र किया। पूर्ववर्ती सरकार ने ओआरओपी के लिए केवल 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था, जबकि वर्तमान सरकार ने इस योजना के लिए 8,400 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसका लाभ 26 लाख पूर्व सैनिकों और 60,000 वीरांगनाओं को मिला है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, वन रैंक, वन पेंशन के साथ-साथ हर पांच साल में वेतन समकक्षीकरण की भी व्यवस्था की गई है। सरकार ने अपने वादों को बड़े पैमाने पर पूरा किया है, जो पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा की गई बड़ी गलतियों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
बता दें कि ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के 10 साल पूरे होने के अवसर पर नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी में भव्य समारोह होगा। इसमें सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम 7-8 नवंबर को दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में 7 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। इस योजना ने सेवानिवृत्ति सैनिकों के जीवन पर खास प्रभाव डाला है। रक्षा मंत्रालय ने राज्य सैनिक बोर्ड (आरएसबी) के निदेशकों और सेना, नौसेना और वायु सेना के राज्य स्तर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित भारतीय सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
–आईएएनएस
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