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Home ताज़ा समाचार

मेरठ में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने वाले किसान की अस्पताल में मौत, हंगामा

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January 6, 2024
in ताज़ा समाचार
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मेरठ, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी जमीन को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में शुक्रवार को मवाना तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी शनिवार शाम को मौत हो गई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

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न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

–आईएएनएस

विमल/एसजीके

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मेरठ, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी जमीन को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में शुक्रवार को मवाना तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी शनिवार शाम को मौत हो गई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

–आईएएनएस

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मेरठ, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी जमीन को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में शुक्रवार को मवाना तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी शनिवार शाम को मौत हो गई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

–आईएएनएस

विमल/एसजीके

मेरठ, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी जमीन को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में शुक्रवार को मवाना तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी शनिवार शाम को मौत हो गई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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मेरठ, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कथित तौर पर एक किसान ने उसकी जमीन को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में शुक्रवार को मवाना तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी शनिवार शाम को मौत हो गई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

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अधिकारी ने बताया कि मृत किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी 53 वर्षीय जगबीर के रूप में हुई है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आग में झुलसे 70 प्रतिशत जली हुई गंभीर हालत में जगबीर को मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मृत किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्‍वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर किसान था, इसलिए कृषि दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख रुपये (अनुदान) मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि उसके परिवार से बात चल रही है, शासन से जो भी मदद होगी, की जाएगी।

वहीं किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे, तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया गया।

जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने का आश्‍वासन दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह जगबीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इससे पहले उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। एसडीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्‍वासन दिया था। साथ ही कहा था कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा नेता आकाश गुर्जर भी गांव में पहुंचे। मृतक के बेटे आकाश ने कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।

–आईएएनएस

विमल/एसजीके

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